शनि देव महाराज हर ढाई साल में राशि परिवर्तन करते हैं, इस प्रकार से एक राशि में वह दो बार लगभग 30 साल में फिर से जा पाते हैं, शनिदेव ने हाल ही में धनु से मकर राशि में प्रवेश किया है, मकर शनिदेव की ही एक राशि मानी जाती है, इसलिए शनि का मकर राशि में जाना बेहद शुभ माना जाता है, जबकि कुंभ और तुला राशि की मुश्किलें बढ़ सकती है, चलिए सनी के इस गोचर से साढ़ेसाती और ढैय्या का कैसा असर होगा जान लेते हैं इन राशियों के बारे में। शनि गोचर के बाद अब वृश्चिक राशि की साढ़ेसाती समाप्त हो चुकी है और मकर राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू हो गया है, धनु राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण शुरू हो चुका है, इसके अलावा कुंभ राशि के जातक पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो चुकी है, वर्ष और कन्या राशि की ढैया समाप्त हो चुकी है और मिथुन तुला राशि की ढैया आरंभ हो चुकी है।