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वर्तमान में मानदेय कर्मचारियों को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं : ममता

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 9 2022 5:31PM | Updated Date: Mar 9 2022 5:31PM
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जयपुर । राजस्थान की महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने आज विधानसभा में कहा कि मानदेय कर्मचारी आशा सहयोगिनियों को वर्तमान में नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं हैं लेकिन अगर केन्द्र सरकार पहल करती है तो आशा-सहयोगिनियों को दिये जाने वाले कार्य आधारित भुगतान में वृद्धि किए जाने के प्रयास किए जाएंगे। भूपेश ने प्रश्नकाल में विधायकों के पूरक प्रश्नों के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में राज्य सरकार की ओर से धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि आशा-सहयोगिनियों को दिये जाने वाले मानदेय का शत प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है। केन्द्र सरकार द्वारा मानदेय के रुप में किसी प्रकार की राशि नहीं दी जा रही है।
 
उन्होंने कहा कि आशा-सहयोगिनियों को दिये जाने वाले कार्य आधारित भुगतान में केंद्र सरकार और राज्य सरकार का अंशदान 60 और 40 प्रतिशत का होता है। उन्होंने कहा कि आशा का पद पूरे देश में हैं और राजस्थान में ये आशा सहयोगिनी के रुप में कार्य कर रहीं हैं। इससे पहले भूपेश ने विधायक मंजीत धर्मपाल चौधरी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि आशा-सहयोगिनी को समेकित बाल विकास सेवाऎं विभाग की ओर से प्रतिमाह नियत मानदेय 2 हजार 970 रुपये का भुगतान किया जा रहा है और मानदेय राशि का भुगतान शत-प्रतिशत राज्य निधि से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कार्य आधारित भुगतान किया जाता है।
 
उन्होंने बताया कि मानदेय कर्मियों का मानदेय बढ़ाने के लिए बजट घोषणा वर्ष 2022-23 में 20 प्रतिशत मानदेय बढ़ाने की घोषणा राज्य सरकार द्वारा की गई है। जिसके तहत विभाग द्वारा मानदेय में 594 रुपये मासिक रूप से बढ़ोतरी के आदेश जारी कर दिये गये है। उन्होंने बताया कि कुक कम हेल्पर का कोई पद आंगनबाडी केन्द्र पर स्वीकृत नहीं है। उन्होंने मानदेय में बढ़ोतरी और सहयोगिनी द्वारा किये जाने वाले कार्याे का विवरण सदन के पटल पर रखा।
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