नई दिल्ली। पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले वहां पर सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। राज्य की सत्तारुढ़ कांग्रेस भी सत्ता पर पकड़ बनाए रखने को लेकर लगातार सक्रिय है। हालांकि इस बार चुनाव की कमान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के हाथों में है। सिद्धू राज्य में अपनी ही सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश में है और ड्रग्स के खतरे के मामले में रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग करते हुए भूख हड़ताल की धमकी दी है। पंजाब के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार ने ड्रग्स के खतरे और बेअदबी की घटना पर रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की तो वह राज्य सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल करेंगे। इससे पहले सिद्धू मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भी निशाना साधते रहे हैं।
इससे पहले पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने आज दिन में केबल टीवी को लेकर ट्वीट किया। इस दौरान उन्होंने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि फास्टवे के पास सरकार के साथ साझा किए जा रहे डेटा की तुलना में 3-4 गुना टीवी कनेक्शन हैं। अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल ने अपने एकाधिकार की रक्षा के लिए कानून बनाए। जिसके बाद कैप्टन अमरिंदर ने मेरे प्रस्तावित कानून को रोक दिया जिससे फास्टवे एकाधिकार समाप्त हो जाता, प्रति कनेक्शन राज्य के लिए राजस्व प्राप्त होता। और इसका फायदा यह होता कि लोगों के लिए आज टीवी केबल की कीमतें आधी हो जाती। इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने वर्तमान मुख्यमंत्री चन्नी को भी नहीं छोड़ा। सीएम चन्नी के वादे पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा था, सीएम चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा केबल टीवी शुल्क को 100 रुपये प्रति महीने करने की घोषणा व्यावहारिक रूप से संभव नहीं थी, क्योंकि TRAI ने 130 रुपये की दर तय की थी। नवजोत सिंह सिद्धू ने आगे कहा, ‘2017 में, मैंने केबल माफिया के एकाधिकार को समाप्त करने और लोगों को सस्ता केबल कनेक्शन प्रदान करने के लिए पंजाब एंटरटेनमेंट टैक्स बिल को कैबिनेट में पेश किया था। पीसीसी प्रमुख सिद्धू ने कहा कि उनका पंजाब मॉडल “नीति पर आधारित” था और इसका उद्देश्य एकाधिकार से राहत प्रदान करना था। सोप्स सरकारी खजाने को खाली कर देंगे और आजीविका को खत्म कर देंगे।