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जज ने जब पूछा- 'माखन चोरी बाल लीला, तो मिठाई चोरी अपराध कैसे, जाने पूरा मामला

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 24 2021 8:40PM | Updated Date: Sep 24 2021 8:40PM
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पटना। बिहार में नालंदा जिले के किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र ने एक बच्चे के मिठाई चोरी के आरोप पर सुनवाई करते हुए कहा कि 'माखन चोरी बाल लीला, तो मिठाई चोरी अपराध कैसे है?' इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने वाले हरनौत प्रखंड के चेरो थानाध्यक्ष को चेताते हुए जज ने कहा कि छोटे-मोटे अपराध में किशोर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से बचे। जज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति में भगवान श्री कृष्ण को दूसरों के घर से माखन चुराने एवं हांडी फोडने की बातें कही गई हैं। इसे हमारी संस्कृति ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला बताया। वहीं आज किशोर द्वारा भूख के कारण मिठाई चुराने को अपराध माना जाए। यह कैसे हो सकता है? अदालत ने ननिहाल आए 15 वर्षीय किशोर के विरुद्ध मिठाई व मोबाइल चोरी मामले में सुनवाई करते हुए उसे रिहा करने का आदेश दिया। किशोर की दर्द भरी दास्तां सुनकर जज ने न सिर्फ रिहाई दी, बल्कि आरा की जिला बाल संरक्षण इकाई को बच्चे का उचित मूल्यांकन करते हुए देखभाल योजना से लाभ दिलाकर अपराध से रोकने का निर्देश दिया है।
 
इस मामले की सुनवाई महज 15 दिनों में पूरी की गई। जज ने कहा कि उसे समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने केस दर्ज कराने वाली महिला को भी बच्चों के प्रति सहिष्णु व सहनशील बनने की नसीहत दी। जज ने कहा कि अगर उसका अपना बेटा मिठाई, मोबाइल या पैसे चुराता तो क्या वह उसे पुलिस को सौंप देती या उसे समझाती? आरोपित किशोर भोजपुर जिले के आरा का रहने वाला है। घटना के समय वह अपने ननिहाल हरनौत क्षेत्र के एक गांव आया हुआ था।
 
प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र ने मामले की सुनवाई करते हुए किशोर से पूरे मामले की पूछताछ की। इस दौरान किशोर काफी डरा एवं सहमा हुआ था। जब उसे समझाया गया तो वह फफक-फफक कर रोने लगा। रोते हुए उसने अपने परिवार की स्थिति बयां की। किशोर के अधिवक्ता कंचन कुमार ने बताया कि किशोर के पिता रोग ग्रस्त हैं। वहीं मां मानसिक रूप से विक्षिप्त है। परिवार में आमदनी का कोई साधन नहीं है। घटना के समय वह अपने ननिहाल में था। मामा और नाना की भी मौत हो चुकी है। घटना के समय वह काफी भूखा था। पडोस की मामी के घर चला गया और वहां भूख मिटाने के लिए फ्रीज में रखी मिठाई खा ली। बालपन के कारण फ्रीज पर रखा मोबाइल लेकर गेम खेलने लगा। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि सूचिका ने मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पुलिस के समक्ष पेश किया। इस दौरान सरकारी अभियोजन पदाधिकारी ने भी बच्चे को सुधार के लिए एक अवसर दिए जाने का समर्थन किया। इस फैसले पर किशोर न्याय परिषद की सदस्य उषा कुमारी ने भी सहमति दी।
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