नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने केदारनाथ आपदा में क्षतिग्रस्त आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निर्माण के लिये सरकार को एक साल का अतिरिक्त समय दिया है। साथ ही याचिकाकर्ता अजय गौतम से कहा है कि अगर एक साल के अंदर समाधि का निर्माण नहीं हो पाता है तो वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की युगलपीठ में गुरुवार को याचिकाकर्ता की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। सरकार की ओर से शपथपत्र देकर कहा गया कि कोविड-19 महामारी के चलते पुनर्निर्माण का कार्य नहीं हो पाया।
प्रधानमंत्री मोदी भी चाहते हैं कि समाधि का निर्माण भव्य तरीके से हो। सरकार की ओर से निर्माण कार्य के लिये एक साल के अतिरिक्त समय की मांग की गयी। जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। याचिकाकर्ता की ओर से हालांकि कहा गया कि केदारनाथ आपदा को आये हुए लगभग साढ़े सात साल बीत गये हैं और अदालत के आदेश को भी दो साल पूरे हो गये हैं लेकिन सरकार की ओर से आदि गुरू शंकराचार्य जी की समाधि का पुनर्निर्माण नहीं कराया गया है। इससे पहले गौतम की ओर से 2018 में उच्च न्यायालय को एक पत्र लिखकर कहा गया था कि 2013 में आयी केदारनाथ आपदा में आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी है। सरकार समाधि का पुनर्निर्माण नहीं कर रही है। सरकार को निर्देश जारी करें। इसके बाद अदालत ने सरकार को एक साल में समाधि के पुनर्निर्माण के आदेश जारी किये थे।