कानपुर। वर्ष 2008 में विराट कोहली के नेतृत्व में अंडर-19 विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य तन्मय श्रीवास्तव ने क्रिकेट के सभी फार्मेट से संन्यास के फैसले को पूरी तरह तर्कसंगत बताते हुये कहा है कि उन्होंने गंभीरता से विचार करने के बाद क्रिकेट को अलविदा कहने का निर्णय लिया। कानपुर के ग्रीनपार्क हास्टल के प्रशिक्षु रहे तन्मय ने शनिवार को से बातचीत में कहा, ‘‘यह अचानक लिया हुआ फैसला कतई नहीं है बल्कि मुझे लगता है कि भारतीय क्रिकेट टीम में मेरी संभावनाएं न के बराबर हैं वहीं प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भी मेरा सफर उतार चढ़ाव से भरा रहा है। मुझे नहीं लगता कि अब मेरे लिये क्रिकेट में कुछ बचा है।
मात्र 30 वर्ष की उम्र में क्रिकेट को अलविदा कहने वाले तन्मय ने कहा कि भविष्य में किसी भी प्रकार से क्रिकेट से जुड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है और न ही वह कोई कोचिंग इंस्टीट्यूट खोलने जा रहे हैं। अब काफी क्रिकेट हो चुका है और उन्हें अब परिवार पर ध्यान देने की जरूरत है। तन्मय ने शनिवार को ट्विटर पर अपने संन्यास की घोषणा की।
उन्होंने कहा,‘‘ मेरे लिए क्रिकेट को अलविदा कहने का समय आ गया है। मैं अपने करियर में सहयोग देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं। वर्ष 2006 में उत्तर प्रदेश की टीम में पदार्पण करने वाले बायें हाथ के सलामी बल्लेबाज तन्मय ने 90 प्रथम श्रेणी मैचों में 34.39 के औसत से 4918 रन बनाये जिसमें दस शतक और 27 अर्धशतक शामिल हैं।
उन्होंने आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स, कोच्चि टस्कर्स और किंग्स इलेवन पंजाब का प्रतिनिधित्व किया। वह मलेशिया में 2008 में खेले गए अंडर-19 विश्व कप में 262 रन के साथ टूर्नामेंट के शीर्ष स्कोरर थे। टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में तन्मय ने 43 रन का अहम योगदान दिया था जिसकी बदौलत भारत विश्वकप को अपनी झोली में डालने में सफल रहा था।