पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए सैंपल जांच की संख्या में हुई अप्रत्याशित वृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने अब प्रतिदिन एक लाख जांच किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण आरटीपीसीआर टेस्ट बढ़ाए जाने की जरूरत है।
कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कोविड-19 की अद्यतन स्थिति को लेकर मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में कहा कि बिहार में प्रतिदिन 75 हजार से अधिक सैंपल की जांच की जा रही हैं, जिसे बढ़ाकर एक लाख प्रतिदिन किये जाने का लक्ष्य है लेकिन इसमें सबसे महत्वपूर्ण आरटीपीसीआर जांच है जो प्रतिदिन 6100 की संख्या में ही की जा रही है। इसकी संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी जांच केंद्रों पर प्रतिदिन 4900 आरटीपीसीआर जांच और निजी जांच केंद्रों पर 1200 जांच किए जा रहे हैं। 4400 जांच ट्रू-नेट मशीन द्वारा की जा रही है और 65 हजार जांच रैपिड एंटीजन किट से की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक जांच की व्यवस्था की गई है। सभी कंटेनमेंट जोन में 100 प्रतिशत जांच करायी जा रही है। बाढ़ राहत केंद्रों और सामुदायिक रसोई केंद्रों पर भी सभी लोगों की कोरोना संक्रमण की जांच करायी जा रही है।
कुमार ने कहा कि पांच और सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में आरटीपीसीआर जांच की व्यवस्था की जा रही है, जिससे जांच की संख्या 2300 और बढ़ जाएगी। शीघ्र ही 10 आरटीपीसीआर मशीन और आरएनए एक्सट्रक्टर मशीन की खरीद की जाएगी, जिससे पांच हजार जांच की क्षमता और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से आग्रह है कि दो कोवास-8800 मशीन बिहार को उपलब्ध करायी जाये, जिससे प्रतिदिन जांच की संख्या 7200 और बढ़ जायेगी। इस तरह प्रतिदिन 20600 आरटीपीसीआर जांच की जा सकेगी।