चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने औद्योगिक क्षेत्र में पंजाब को अग्रणी राज्य बनाने की अपनी वचनबद्धता दोहराते हुये आज कहा कि वह चाहते हैं कि राज्य औद्योगिक और कृषि दोनों क्षेत्रों में पावरहाउस बने तथा अगुवाई करते हुये राज्य को तरक्की के रास्ते पर लेकर जाये। कैप्टन सिंह देश के प्रसिद्ध उद्योगपतियों के साथ दिन भर चली बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक का संचालन चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने किया।
मुख्यमंत्री ने यूनिवर्सिटी का इस बात के लिये भी धन्यवाद किया कि कोविड के संकट के दौरान सबसे पहले अपने कैंपस को हजार बिस्तरों का कोविड केयर सैंटर बनाने की पहल की और साथ ही सैनीटाईजर, मास्क और अन्य जरूरी वस्तुएँ बाँटी। मुख्यमंत्री ने अपने जीवन काल में बदलाव की प्रक्रिया शुरू करने की इच्छा जाहिर की ताकि आने वाली पीढियों का भविष्य सुरक्षित हो सके। उन्होंने राज्य में तेजी से बढ़ते कोविड के मामलों पर चिंता जताते हुये कहा कि जांच में लापरवाही और इलाज में देरी के कारण कोरोना के मामले बढ़े हैं। हरियाणा की अपेक्षा पंजाब की अधिक मृत्यु दर इसी स्वभाव के कारण है क्योंकि पंजाबी अस्पताल जाने में तब तक देरी करते हैं जब तक हद न हो जाये।
उद्योग जगत की बड़ी हस्तियों को पंजाब आने का न्यौता देते हुये कैप्टन सिंह ने कहा कि राज्य में बिजनेस फ्रैंडली नीतियां, निर्विघ्न संपर्क व्यवस्था, उच्च स्तरीय बुनियादी ढांचा, कौशल विकास और बेहतरीन प्लेसमेंट के मौके पर प्रदान करने वाली नामी शैक्षिक संस्थाओं ने पंजाब को निवेश के लिए उपयुक्त स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि पानी के संकट ने कृषि को भी प्रभावित किया है और राज्य को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। भूजल में गिरावट के चलते कृषि के अब टिकाऊ विकास का क्षेत्र न रहने के कारण उनकी सरकार ने औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देने की मुहिम शुरू की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पाँच रुपए प्रति यूनिट बिजली, निवेश की आकर्षक संभावनाओं समेत विभिन्न रियायतें और नीतियाँ पंजाब में निवेश करने के लिए रास्ता खोलती हैं। पिछले तीन सालों के दौरान जÞमीनी स्तर पर 65हजार करोड़ रुपए का निवेश और चार बड़े औद्योगिक पार्कों के आने से पंजाब पहले ही बड़े कॉर्पोरेट दिग्गजों के लिए अपनी बेमिसाल निवेश संभावनाओं की पेशकश करके अपने आप को सिद्ध कर चुका है। उन्होंने बताया कि कोविड के दौरान भी राज्य को तकरीबन 2500 करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त हुआ है। लॉकडाऊन हटने के बाद प्रवासी मजÞदूर बड़ी संख्या में लौट रहे हैं और लुधियाना में 2.34 लाख यूनिट पहले ही कार्यशील हैं। राज्य के उद्योगों ने हमेशा प्रवासी मजÞदूरों का ख़्याल रखा है और हड़तालें, ट्रक यूनियनें आदि की अनुपस्थिति उद्योगों को उत्साहित कर रहे हैं।