शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार के मिशन रिपीट को सुनिश्चित बनाने के लिए सरकार तथा संगठन के बीच बेहतर तालमेल आवश्यक है। कांगड़ा जिला के जसवां परागपुर विधानसभा के अन्तर्गत बगली में देहरा भाजपा संगठनात्मक जिला के पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने आज कहा कि भाजपा कार्यकर्ता भाग्यशाली हैं कि वे विश्व की सबसे बड़े राजनीतिक दल से जुड़े हैं। यही नहीं पार्टी का नेतृत्व जगत प्रकाश नड्डा कर रहे हैं जो हिमाचल से हैं।
ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान राज्य भाजपा ने बूथ स्तर तक लगातार पार्टी कार्यकर्ताओं से सम्पर्क बनाए रखा है। यह सब सूचना प्रौद्योगिकी के अधिकतम एवं प्रभावी उपयोग के कारण संभव हो पाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 में डिजिटल इंडिया की परिकल्पना की थी और उनकी इस सोच के कारण आज न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बेहतर तालमेल बना हुआ है, बल्कि सरकार की कार्यप्रणाली को सुधारने में भी सहायता मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित बना रही है कि कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में विकास की गति बाधित न हो। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि विभिन्न विभागों में बिना खर्च की गई धनराशि को चिन्हित करें ताकि इसका उपयोग विकासात्मक कार्यों के लिए किया जा सके।
सरकार विकास कार्यों की लगातार निगरानी कर रही है ताकि सभी कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार के उपायों और प्रयासों को प्रधानमंत्री ने भी सराहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए समय रहते प्रभावी कदम उठाए और देश में आज अन्य विकसित देशों की तुलना में इस वायरस के कारण होने वाली मृत्यु की दर काफी कम है। पार्टी कार्यकर्ता संगठित होकर कार्य करें क्योंकि चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल की जीत पार्टी कार्यकर्ताओं के कठिन परिश्रम और प्रतिबद्धता पर निर्भर करती है।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में निर्मित किए जा रहे भव्य भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण राम राज्य के स्वप्न को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि राज्य में बस किरायों में वृद्धि पर विपक्ष काफी शोर-शराबा कर रहा है, लेकिन विपक्ष को यह मालूम होना चाहिए कि कोविड-19 महामारी के कारण प्रदेश को 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इस संकट का सामना करने में सरकार को मजबूरी में बस किराए में वृद्धि के निर्णय का फैसला लेना पड़ा। उन्होंने हैरानी जताई कि विपक्ष के नेता कोरोना महामारी का भी राजनीतिकरण कर रहे हैं, लेकिन इसका उन्हें कोई लाभ नहीं होने वाला।