झुंझुनू। राजस्थान में झुंझुनू जिले के पिलानी में स्थित भारत सरकार के केंद्रीय इलेक्ट्रोनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीरी) की राष्ट्रीय प्रयोगशाला में वैज्ञानिकों ने रेडियोथैरेपी मशीनों में लगने वाले एक बेहद जरूरी एवं उपयोगी उपकरण मैग्नेट्रॉन को बनाने में सफलता हासिल की हैं। सीरी संस्थान ने इसके लिए जरूरी एक्स-रे की मात्रा भी प्राप्त कर ली है। सीरी के निदेशक डॉक्टर पीसी पंचारिया ने आज बताया कि सीरी की यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है।
अब तक यह उपकरण लंदन से आयात किया जाता था। अब यह भारत में ही बनेगा और इस पर लागत भी उससे कम आएगी जो एक बड़ी उपलब्धि है। यह देश के वैज्ञानिक क्षेत्र में एक बड़ा कदम है। सीरी के अधिकारी रमेश बोहरा ने बताया कि बुधवार को सीरी की ओर से इस टेक्नोलॉजी को बेंगलुरु की कंपनी पेनेशिया मेडिकल टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित किया गया है। अब पेनेशिया कंपनी इसका व्यावसायिक स्तर पर उत्पादन करेगी।
मैग्नेट्रॉन के परियोजना प्रमुख डॉ शिवेंद्र मौर्य ने बताया कि मैग्नेट्रॉन एक छोटा सा उपकरण होता है, जिसका उपयोग रेडियो थेरेपी मशीनों में होता है। इसके अलावा सीमा पर घुसपैठ रोकने और सामग्री की तस्करी को रोकने में कार्गो जांच मशीनों में भी यह काम में आता है। रेडियो थैरेपी मशीनों में यह इलेक्ट्रान को बढ़ाने का काम करता है और एक्सरे के रूप में निकालता है। यह एक्स रे मरीज के कैंसर टिश्यू को नष्ट करती है। मैग्नेट्रॉन की मदद से यह उसके आसपास के हिस्से को ज्यादा प्रभावित नहीं करता।