चंडीगढ़। पंजाब मंडी बोर्ड और सभी मार्केट कमेटियों में काम कर रहे और अवकाश प्राप्त कर्मचारियों ने अपना एक दिन का वेतन ‘मुख्यमंत्री कोविड राहत कोष’ में देने का फैसला किया है। पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह ने आज यहां बताया कि पंजाब मंडी बोर्ड के मार्किटिंग विंग, इंजीनियरिंग विंग और मार्केट कमेटियों के सभी कर्मचारी अपना एक दिन का वेतन जो लगभग एक करोड़ रुपए के करीब बनता है, का योगदान देंगे जिससे गरीब लोगों तथा रोजगार छिनने वालों की मदद की जा सके।
सिंह ने राज्य के आढ़तियों को राहत देते हुए एलान किया कि जिन आढ़तियों के लाइसेंस 31 मार्च को ख़त्म हो रहे हैं और कर्फ्यू और लॉकडाउन के कारण वह रिन्यू नहीं करवा सके, उनके लाइसेंस पंजाब में गेहूँ की सरकारी खरीद चलने तक जारी रहेंगे और वह अपना कारोबार आम की तरह कर सकेंगे जिससे गेहूँ की खरीद के समय आढ़तियों और किसानों को कोई समस्या न आए। उन्होंने बताया कि सम्बन्धित आढ़तिए गेहूँ की सरकारी खरीद चलने तक अपने लाइसेंस बिना लेट फीस के रिन्यू करवा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इन फैसलों से निश्चित रूप से कोरोना वायरस के फैलाव को रोका जा सकेगा। मुख्यमंत्री द्वारा समय पर उठाए गए कदमों स्वरूप राज्य के लोगों के लिए बड़ी राहत को यकीनी बनाया जा सका। चेयरमैन ने पंजाब मंडी बोर्ड में कार्यरत और सेवा-मुक्त मुलाजिमों द्वारा दिए गए योगदान के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि ऐसी मुश्किल घड़ी में आम जनता को जरूरी वस्तुएँ पहुँचाने के लिए तन-मन से ड्यूटी निभा रहे मंडी बोर्ड के समूह अधिकारियों /कर्मचारियों की हौसला अफजाई भी की।