नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू हमेशा भारत को 2028 ओलंपिक में टॉप 10 देशों में लाने की बात करते हैं, लेकिन इस साल जुलाई-अगस्त में होने वाले टोक्यो ओलंपिक में वह भारत के पदकों का कोई भी अंदाजा लगाने के लिए तैयार नहीं हैं।
रिजिजू ने रविवार को राजधानी में होने वाली एजिस लाइफ इंश्योरेंस नयी दिल्ली मैराथन के लॉन्च की घोषणा के अवसर पर शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में टोक्यो ओलंपिक में भारत की पदक उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'अभी मैडल की बात करना ठीक नहीं है, लेकिन हमारी तैयारी अच्छी चल रही है। हमारे जितने खिलाड़यिों ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है और जिनके क्वालीफाई करने की संभावना है हमें उनसे काफी उम्मीदें हैं।'
खेल मंत्री ने खिलाड़यिों को सरकार की तरफ से पूरी मदद का भरोसा दिलाते हुए कहा, 'हमारा काम खिलाड़यिों को मदद देना है, लेकिन यह बताना कि कितने पदक जीते जाएंगे अभी ठीक नहीं होगा। हमारी तरफ से खिलाड़यिों की तैयारी के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। एथलीट हमसे जो मांगेंगे हम वह उन्हें प्रदान करेंगे। खिलाड़यिों को आगे आकर बताना पड़ेगा कि उनकी क्या जरूरतें हैं।'
रिजिजू ने साथ ही कहा कि जो खिलाड़ी ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं और जो करने वाले हैं उन्हें टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम से अलग भी मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत को यदि एक खेल राष्ट्र बनना है तो देश में खेलों के लिए जुनून पैदा करना होगा। इसके लिए फिट इंडिया मूवमेंट और खेलो इंडिया मूवमेंट के जरिए देश में खेल का माहौल तैयार किया जा रहा है।
खेल मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद मैराथन धावकों का अभिनंदन करते हुए कहा कि आमतौर पर मैराथन और लंबी दूरी के धावकों को फर्राटा धावकों के मुकाबले कम लोकप्रियता मिलती है, जबकि उन्हें भी बराबर प्रतिष्ठा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं यहां मौजूद सभी मैराथन धावकों का अभिनंदन करता हूं और उम्मीद करता हूं कि कल होने वाली मैराथन में वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे और ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई करेंगे।