नयी दिल्ली। गुरु हनुमान अखाड़े के संचालक और द्रोणाचार्य अवार्डी महांिसह राव के अथक प्रयासों से भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने इस ऐतिहासिक अखाड़े को दो साल के अंतराल के बाद फिर से गोद ले लिया है। महासिंह ने साई द्वारा इस अखाड़े को फिर से अपनाये जाने खुशी व्यक्त करते हुए साई के महानिदेशक संदीप प्रधान का आभार व्यक्त किया। द्रोणाचार्य अवार्डी कोच ने कहा कि अखाड़ा तो चल रहा था लेकिन साई द्वारा इसे फिर से अपनाये जाने से गुरु हनुमान अखाड़े में नयी जान आएगी और यह अखाड़ा फिर से नयी ऊंचाइयों को छुएगा।
भारतीय कुश्ती के पितामह रहे गुरु हनुमान के इस अखाड़े ने देश को 17 अर्जुन अवार्डी, तीन पद्मश्री, एक पद्मभूषण और छह द्रोणाचार्य के अलावा सुदेश, प्रेमनाथ, सतपाल, करतार, जगमंदिर जैसे ओलंपियन और सैकड़ों अंतर्राष्ट्रीय पहलवान दिए हैं जिन्होंने अपनी उपलब्धियों से देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि साई ने वर्ष 2003 में पहली बार इस अखाड़े को गोद लिया और यह सिलसिला 15 साल तक चलता रहा।
लेकिन जब वह 2018 में रिटायर हुए तो साई ने अपने हाथ खींच लिए। महासिंह ने कहा कि पिछले दो वर्षों में उन्होंने खेल मंत्रालय और साई को ढेरों पत्र लिखे कि इस अखाड़े को फिर से अपनाये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह हाल ही ओलम्पियन और अर्जुन अवार्डी राजीव तोमर के साथ संदीप प्रधान से मिले, उन्हें इस ऐतिहासिक अखाड़े और उपलब्धियों के बारे में बताया जिससे प्रभावित होकर उन्होंने इस अखाड़े को अपनाये जाने को मंजूरी दी जिसके लिए हम सभी उनके आभारी हैं।