जैसलमेर। केंद्रीय खेलमंत्री किरण रिजजू ने कहा है कि वर्ष 2028 में लॉस एंजेलिस में होने वाले ओलम्पिक खेलों में भारत को टॉप टेन में लाने का लक्ष्य रखा गया है। रिजजू ने आज राजस्थान में जैसलमेर में कहा कि इसके लिए हमने अभी से तैयारियां शुरु कर दी हैं। पूरे देश से हमने प्रतिभावान बच्चों को खोजा है और यह कार्य अब भी जारी हैं। हमारे पास बेहतर खिलाड़ियों की कोई कमी नही है। इसके परिणाम वर्ष 2024 में पेरिस एवं 2028 में लॉस एंजेलिस ओलम्पिक में देख सकेंगे।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा पूरे देश में हम नेशनल एक्सीलेंसी सेंटर की स्थापना करने की भी कार्य योजना पर काम कर रहे हैं। इससे विभिन्न राज्यों में कई छुपी प्रतिभाओं को बाहर लाकर उन्हें बेहतर प्रशिक्षण देने पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा। रिजजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गठित ओलप्पिक टॉस्क फोर्स ने अगले साल होने वाले जापान ओलंपिक के लिए भारत को और बेहतर स्थान पर रखने के लिए कई प्रकार की रुपरेखा तैयार की हैं।
उन्होंने कहा कि हमने 10 से 12 वर्ष के प्रतिभाशाली बच्चों को खोजा हैं। अभी 380 बच्चों को चुना गया है। इन बच्चों को हम लॉक डाऊन में भी बेहतर प्रशिक्षण दे रहे थे। उन्हें 25 हजार रुपये प्रति महीने के साथ ही बेहतर सुविधायें, खाना मुहैया करवाया जा रहा है। रिजजू ने कहा कि हम इन्हें भविष्य का चैम्पियन मानते हुए धरोहर के रुप में तैयार कर रहे हैं। यह सब 2028 के ओलम्पिक के लक्ष्य को ध्यान में रख कर किया जा रहा हैं। इसके अलावा चयनित किये गए वरिष्ठ खिलाड़ियों को भी 50 हजार रुपये महीना दिया जा रहा है। खिलाड़ियों को हर महीने खर्च की राशि देने वाला भारत पहला देश है। किसी भी देश में इस प्रकार की कोई सुविधा नही है।
उन्होने कहा कि देशभर में खेलो इंडिया के तहत विभिन्न अकादमियों की स्थापना की जा रही है। राजस्थान सहित अन्य राज्यों में दूसरे चरण में अकादमी स्थापित करने की अतिशीघ्र घोषणा की जायेगी। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में अलग अलग खेलों के लिहाज से एक्सीलेंसी सेंटर खोले जा रहे हैं। राजस्थान में भी अतिशीघ्र एक एक्सीलेंसी सेंटर खोला जायेगा। चुरु में एक योजना को शुरु करवाया गया है, इसके अलावा राजस्थान में शूटिंग एवं बॉस्केट बॉल की कई संभावना मौजूद हैं। कई बेहतर खिलाड़ी निकल कर आ सकते हैं। इसको देखते हुए इस संदर्भ में कई योजनाऐं बनाई जा रही हैं।