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लीजेंड महाबली सतपाल की पहली कमाई थी चार चवन्नी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 11 2020 6:20PM | Updated Date: May 11 2020 6:21PM
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नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती के लीजेंड पहलवान और सर्वश्रेष्ठ कोच महाबली सतपाल ने अपने जीवन में अथाह यश अर्जित किया है लेकिन उनके जीवन की पहली कमाई चार चवन्नी थी। द्रोणाचार्य अवार्डी और पद्मभूषण से सम्मानित सतपाल देश में कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के चलते पिछले एक महीने से ज्यादा समय से अपने अखाड़े छत्रसाल स्टेडियम से दूर हैं और खुद को अपने घर के अंदर व्यस्त रखे हुए हैं।
 
सतपाल ने अपने करियर को याद करते हुए कहा - मैं 15 मई 1967 को गुरु हनुमान के अखाड़े में आया था। कुछ समय बाद मैंने अपनी पहली कुश्ती लड़ी थी। मैंने एक ही दिन चार कुश्ती लड़ी थी और चारों जीती थी। मुझे ईनाम में चार चवन्नी (25 पैसे का सिक्का) जीती थी। वह मेरे कुश्ती करियर की शुरुआत थी और उसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
 
1982 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले महाबली सतपाल ने कहा, ‘‘मैं जब पांचवीं कक्षा में पढ़ता था तो किसी बात पर कुछ लड़कों ने मुझे पीट दिया था और मुझे खून निकल आया था तथा आंख भी सूज गयी थी। मेरे पिताजी अगले दिन अखाड़े में ले गए ताकि मैं कुश्ती सीख सकूं। दो-तीन दिन में उन्हें लग गया कि मैं अच्छे दांव -पेच लगा सकता हूं। जब मैं छठी कक्षा में था तो मैंने जिद पकड़ ली कि मैं अपने गांव बवाना से दिल्ली जाकर कुश्ती सीखूंगा। घरवाले इसकी इजाजत देने को तैयार नहीं थे लेकिन मेरी जिद के आगे उन्हें हारना पड़ा और फिर मेरे पिताजी मुझे गुरु हनुमान अखाड़े ले आये। 
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