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Sport

कौन लेगा लिम्बा जैसे भूले-बिसरे चैम्पियनों की खबर आह्वन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 4 2020 1:31AM | Updated Date: Mar 4 2020 1:31AM
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नई दिल्ली। जाने-माने ओलम्पियन तीरंदाज लिम्बा राम की गंभीर बीमारी को लेकर मंगलवार को यहां एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें पद्मभूषण से सम्मानित महाबली सतपाल, द्रोणाचार्य अवॉर्डी महासिंह राव, दिल्ली फुटबाल के प्रमुख शाजी प्रभाकरण और फिजिकल एजुकेशन फेडरेशन ऑफ इंडिया (पेफी) के राष्ट्रीय सचिव पीयूष जैन जैसी हस्तियों ने एकमत से आह्वन किया कि देश के लिए मान-सम्मान और पदक अर्जित करने वाले खिलाड़यिों को उनकी उपलब्धियों के हिसाब से जीवन यापन के साधन मुहैया कराने की जरूरत है।
 
गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज और दिल्ली खेल पत्रकार संघ (डीएसजेए) की संयुक्त मेजबानी में एक सेमिनार ‘फॉरगॉटन हीरोज’ का आयोजन किया गया। इसमें देश की जानी-मानी खेल हस्तियों और पत्रकारों ने भाग लिया। सेमिनार में उपस्थित हस्तियों में महाबली सतपाल, महासिंह राव, पीयूष जैन, शाजी प्रभाकरण, डीएसजेए अध्यक्ष एस कन्नन, जेएनयू के डॉ. विक्रम सिंह, खालसा कॉलेज के उप-प्रधानाचार्य पीएस जस्सर, समनव्यक स्मिता मिश्रा और संचालिका परमिंदर कौर ने देश के लिए पदक अर्जित करने वाले खिलाड़यिों को मान-सम्मान एवं जरुरत पड़ने पर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की जरुरत पर जोर दिया।
 
महाबली सतपाल ने कहा,‘‘पद्मऔर अर्जुन अवार्डी लिम्बा राम की बदहाली के बारे में जानकर मुझे गहरा आघात पहुंचा है। सरकार, खेल मंत्रालय, भारतीय तीरंदाजी संघ और भारतीय ओलम्पिक संघ को लिम्बा व उनके जैसे अन्य चैंपियन खिलाड़यिों के बारे में गंभीरता से सोचने और समुचित प्रयास करने की जरूरत है। ’’ उल्लेखनीय है कि लिम्बा राम गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रसित है और देश भर के अस्पतालों में इलाज करा चुके हैं।
 
सेमिनार का मुख्य उद्देश्य लिम्बा राम के माध्यम से उनके जैसे हजारों खिलाड़यिों की सुध लेना था। महासिंह राव के अनुसार लिम्बा राजस्थान और देश के महान खिलाड़ी रहे हैं। भले ही उन्होंने ओलम्पिक पदक नहीं जीता लेकिन तीन ओलम्पिक खेलना, एशियन चैम्पियनशिप में पदक जीतना और विश्व रिकॉर्ड बनाना उनकी बड़ी उपलब्धियां रही हैं। ऐसे में वह बड़े सम्मान और चैम्पियन की तरह आत्म-सम्मान के हकदार बनते हैं। सरकार और समाज को उनकी हरसंभव मदद करनी चाहिए।
 
पीयूष जैन ने दिल्ली खेल पत्रकार संघ और खालसा कॉलेज के इस कदम की सराहना की और कहा कि लिम्बा का आत्मबल इसी प्रकार बढ़ाए जाने की जरूरत है। शाजी प्रभाकरण ने कहा कि वह लिम्बा की हरसंभव मदद करने के लिए हमेशा तैयार हैं। डॉ. विक्रम सिंह ने कहा कि सरकार को लिम्बा जैसे बुरे दौर से गुजर रहे खिलाड़यिों के लिए अलग से कोष बनाना चाहिए। कन्नन ने कहा कि खिलाड़ी कभी भूले-बिसरे नहीं होते हैं। वह हमेशा याद रहते हैं। उनके प्रति समाज का दायित्व बनता है कि बुरे दिनों में उनकी मदद के लिए आगे आएं।
 
पीएस जस्सर के अनुसार, उनका कॉलेज इस प्रकार के मानवीय कार्यक्रमों में हमेशा बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभाता रहेगा। सेमिनार की समनव्यक स्मिता मिश्रा के मुताबिक लिम्बा का मामला भारतीय खेल समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है। सभी खेल हस्तियों, कॉलेज के छात्रों और खेल पत्रकारों ने एकमत से सेमिनार की रिपोर्ट खेल मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय ओलम्पिक संघ को भेजने का फैसला किया। 
 
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