नई दिल्ली। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के सलाहकार और पूर्व राष्ट्रीय कोच जोगिन्दर सिंह सैनी का रविवार को अपने गृहनगर पटियाला में निधन हो गया। महासंघ ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है। सैनी का बढ़ती उम्र से संबंधित परेशानियों के कारण निधन हो गया। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। वह 90 वर्ष के थे और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता थे। वह देश के सर्वश्रेष्ठ कोचों में से एक माने जाते थे। सैनी उस भारतीय एथलेटिक्स टीम के कोच थे जिसने 1978 के एशियाई खेलों में आठ स्वर्ण सहित कुल 18 पदक जीते थे।
उन्होंने भारतीय एथलेटिक्स की लम्बे समय तक सेवा की और एथलेटिक्स महासंघ के साथ चयनकर्ता से लेकर सलाहकार के रूप में जुड़े रहे। सैनी को भारत के कुछ प्रतिष्ठित ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़यिों गुरबचन सिंह रंधावा और मैराथन धावक शिवनाथ सिंह को निखारने का श्रेय जाता है। वह 1970 से 1990 के दशक के बीच कई वर्षों तक राष्ट्रीय एथलेटिक्स टीम के मुख्य कोच रहे।
पंजाब के होशियारपुर जिले में एक जनवरी 1930 को जन्मे सैनी ने विज्ञान में स्रातक किया और शारीरिक शिक्षा में डिप्लोमा और एनआईएस पटियाला से कोचिंग का कोर्स करने के बाद 1954 में एथलेटिक्स कोच बने। वह 1990 में तत्कालीन भारतीय एमेच्योर एथलेटिक्स महासंघ के मुख्य कोच बने। भारतीय एथलेटिक्स में योगदान के लिए सैनी को 1997 में द्रोणाचार्य पुरस्कार से नवाजा गया था। सैनी साहब के नाम से मशहूर सैनी 2004 तक कोंिचग से जुड़े रहे और इसके बाद से एएफआई के सलाहकार की भूमिका निभा रहे थे।
एएफआई के अध्यक्ष आदिल सुमारिवाला ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘उन्हें एथलेटिक्स से प्यार था और अपने अंतिम समय तक उन्होंने भारतीय एथलेटिक्स महासंघ को योगदान दिया। वह मेरे मित्र और मार्गदर्शक थे और अपनी सलाह से एएफआई अध्यक्ष की मेरी भूमिका में उन्होंने काफी मदद की थी। उनका निधन भारतीय एथलेटिक्स के लिए भारी क्षति है।