नई दिल्ली। World Bank ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022 के लिए भारत के विकास दर के अनुमान को 8.3% पर बरकरार रखा है। वहीं वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत के लिए पूर्व में किए गए अपने अनुमान को बढ़ाकर 8.7 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत कर दिया है। विश्व बैंक ने मंगलवार को ग्लोबल इकोनामिक प्रास्पेक्टस रिपोर्ट में भारत की जीडीपी को लेकर यह अनुमान जताया है। विश्व बैंक का यह अनुमान ऐसे वक्त आया है, जब कुछ दिन पहले ही भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने आंकड़े जारी वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की विकास दर 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी और संक्रमण रोकने के लिए लगाए गए सख्त लाकडाउन की वजह से भारत की विकास दर में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। पिछले वित्त वर्ष में विकास दर का आधार कमजोर रहने की वजह से इस बार विकास दर बढ़ी दिख रही है। एनएसओ का यह अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के 2021-22 के लिए जताए गए 9.5 प्रतिशत विकास दर के अनुमान से कुछ कम है।
वहीं वर्ल्ड बैंक ने बताया कि साल 2021 में ग्लोबल ग्रोथ रेट 5.5 प्रतिशत रही है। हालांकि साल 2022 में इसमें गिरावट आने के साफ संकेत दिख रहे हैं और यह 4.1 प्रतिशत रह सकती है। साल 2023 में यह और घटकर 3.2 प्रतिशत पर आ सकती है। विश्व बैंक ने इसके पीछे मांग के धीमा पड़ने और सरकारों की तरफ से महामारी में बड़े पैमाने पर जारी किए वित्तीय उपायों के असर के कम पड़ने को वजह बताया है।