नई दिल्ली। घरेलू अर्थव्यवस्था में ओमीक्रॉन को लेकर अर्थशास्त्रियों की सबसे बड़ी आशंका अब सच साबित होती दिख रही है। एक रिपोर्ट में आशंका जताई गयी है कि मौजूदा वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही की ग्रोथ पर कोविड का नया वेरिएंट अपना असर दिखायेगा। यही नहीं इससे पूरी साल की GDP में भी अनुमानों के मुकाबले कमी दर्ज हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक कोविड के बढ़ते मामलों की वजह से लगने वाले प्रतिबंध रिकवरी पर बुरा असर डालेंगे। घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा है कि ओमीक्रॉन की वजह से जनवरी मार्च तिमाही की जीडीपी पर 0।4 प्रतिशत का असर देखने को मिल सकता है। वहीं पूरे साल की जीडीपी में पिछले अनुमानों के मुकाबले 0।1 प्रतिशत की कमी आ सकती है, रेटिंग एजेंसी के मुताबिक देश भर में किसी भी तरह से लगाये गये प्रतिबंध जैसे बाजारों में लोगों के आने जाने की संख्या में कमी, रात या सप्ताहांत में कर्फ्यू अर्थव्यवस्था पर अपना असर डालेंगे। एजेंसी ने कहा कि बीते 15 दिनों में नये मामलों की संख्या में आई तेजी से चौथी तिमाही में विकास दर 5।7 प्रतिशत पर आ सकती है पहले ग्रोथ का अनुमान 6।1 प्रतिशत का था। पूरे साल भर के लिये जीडीपी ग्रोथ 9।3 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो कि पहले 9।4 प्रतिशत का था।
रिपोर्ट में इस बात पर राहत जताई गई है कि भले ही नये वेरिएंट का प्रसार कहीं तेजी से देखने को मिल रहा हो लेकिन शुरुआती संकेत बता रहे हैं कि ओमीक्रॉन का असर दूसरी लहर जितना खतरनाक नहीं है और इसके लक्षण भी मध्यम स्तर पर हैं। ऐसे में संभावना है कि अगर सरकारें प्रतिबंध लगाती हैं तो वो प्रतिबंध पिछले साल के प्रतिबंधों जितने सख्त नहीं होंगे, ऐसे में अर्थव्यवस्था में गति बनी रहेगी।भले ही उसकी रफ्तार थोड़ी सुस्त हो जाये। एजेंसी के मुताबिक सरकारें अब पहले के मुकाबले ज्यादा बेहतर तैयारी में हैं ऐसे में उम्मीद है कि कोविड की तीसरी लहर का असर कोविड की पहली और दूसरी लहर से कम ही रहेगा। वहीं एजेंसी ने उम्मीद जताई कि कोविड की दूसरी लहर के थमने के साथ अर्थव्यवस्था में रिकवरी भी उतनी ही तेजी के साथ हो सकती है। एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने आशंका जताई कि ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए मार्च तिमाही की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर पर 0।30 प्रतिशत का प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसके साथ ही इंडिया रेटिंग्स और अर्थशास्त्री इस बारे में एक मत हैं कि कोविड की तीसरी लहर को देखते हुए अगले महीने रिजर्व बैंक दरों को स्थिर रख सकता है