नई दिल्ली। देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विवाद जारी है। सरकार संसद के मौजूदा सत्र में क्रिप्टोकरेंसी के रेगुलेशन से संबंधित बिल लाने की तैयारी भी कर रही है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI के बोर्ड के सदस्यों ने निजी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंता जताई है। आरबीआई के ज्यादातर सदस्यों ने निजी क्रिप्टोकरेंसी और वित्तीय स्थिरता पर उसके असर के बारे में अपनी चिंताएं जहिर की हैं।रिजर्व बैंक के बोर्ड के सदस्य सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि भारत को निजी क्रिप्टोकरेंसी के लिए अपने दरवाजों को बंद नहीं करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि भारत को निजी क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह बैन नहीं करना चाहिए। रिपोर्ट में बताया गया है कि आरबीआई के आंतरिक सदस्य प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं हैं।
शक्तिकांत दास ने आज शीर्ष बैंक के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की लखनऊ में हुई बैठक की अध्यक्षता की है। आरबीआई ने प्रेस रिलीज जारी करके कहा कि उसने शुक्रवार को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी और निजी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कई मामलों पर चर्चा की है। सरकार ने भी क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक लाने का प्रस्ताव किया है। उसने संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 को चर्चा और पारित होने के लिए लिस्ट किया है। इसे अगले हफ्ते खत्म होने जा रहे संसद के सत्र में नहीं लिया जा सकता है।
संसद को हाल ही में जानकारी दी गई थी कि सरकार को अक्टूबर 2021 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, एक्ट 1934 में संशोधन का प्रस्ताव मिला था, जिसके तहत बैंक नोट की परिभाषा में विस्तार करके डिजिटल फॉर्म में करेंसी को शामिल करने की बात कही गई थी। आरबीआई यूज केसेज को देख रहा है और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को पेश करने के लिए चरणबद्ध रणनीति पर काम कर रहा है। CBDC को केंद्रीय बैंक ने पेश किया है। केंद्रीय बैंक ने बार-बार क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपने मजबूत विचारों को रखा है। उसका कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी देश की मैक्रोइकॉनोमिक और वित्तीय स्थिरता के खिलाफ बड़ा खतरा हैं। उसने क्रिप्टोकरेंसी पर ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों की संख्या और उनकी क्लेम की गई मार्केट वैल्यू पर भी संदेह किया है।