नई दिल्ली। अगर आप अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान लेने की योजना बना रहे हैं तो आपको कुछ आम गलतियों से बचना बेहद जरूरी है। दरअसल, माता-पिता अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए पैसों की जरूरत को देखते हुए चाइल्ड इंश्योरेंस या चाइल्ड इनवेस्टमेंट प्लान (Child Investment Plan) में निवेश करते हैं। हालांकि कुछ गलतियां होने की वजह से उस समय उन्हें इस निवेश के ऊपर कम रिटर्न मिलता है। बता दें कि आज के मौजूदा समय में स्कूल से लेकर हायर एजुकेशन तक की पढ़ाई महंगी होने की वजह से अच्छी खासी फंड की जरूरत होती है। ऐसे में अगर सही समय पर निवेश की प्लानिंग की जाए तो आप अच्छा खासा फंड तैयार कर सकते हैं।
निवेशक जब किसी चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान या चाइल्ड इनवेस्टमेंट प्लान में निवेश करता है तो उन्हें इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि वह कितना जोखिम उठा सकते हैं। हालांकि यह बात सही है जितना ज्यादा रिस्क होगा उतना ज्यादा रिटर्न मिलेगा, लेकिन अगर आपने बगैर सोचे समझे अपनी मेहनत का सारा पैसा निवेश कर दिया तो हो सकता है कि आपको नुकसान उठाना पड़ जाए। ऐसे में निवेश से पहले आपको अपनी जोखिम लेने की क्षमता को समझ लेना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबी अवधि के लिए निवेश करने की रणनीति अपनानी चाहिए। साथ ही मध्यम स्तर के जोखिम के साथ निवेश को आगे बढ़ाना चाहिए।
निवेश को महंगाई दर के साथ जोड़कर देखना जरूरी है। मान लीजिए किसी कोर्स की फीस आज 10 लाख रुपये है तो हो सकता है कि 10 या 15 साल बाद उस कोर्स की फीस 20 लाख रुपये के आस-पास हो जाए। ऐसे में किन इंस्ट्रूमेंट में निवेश किया जा रहा है उसका सही तरीके से आकलन करना जरूरी है ताकि आपको जब पैसे की जरूरत हो तो उस समय सही रिटर्न के साथ पैसा मिल जाए। चाइल्ड प्लान लेने से पहले सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि आप खुद का टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance) कराएं। दरअसल, आपकी असामयिक मृत्यु होने की स्थिति में यह इंश्योरेंस आपके पूरी परिवार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। साथ ही संकट के समय इससे आपके परिवार की काफी मदद भी होती है। टर्म इंश्योरेंस लेने के बाद ही बच्चे के लिए प्लान लेना चाहिए। बच्चों के लिए अगर आप निवेश की योजना बना रहे हैं तो उसे जितना जल्दी हो शुरू कर दीजिए। आप निवेश की प्रक्रिया को जितना देर करेंगे रिटर्न में उसी हिसाब से कमी देखने को मिल सकती है। ऐसे में बच्चे के पैदा होने के साथ ही निवेश की योजना बनाना शुरू कर देना चाहिए।