नई दिल्ली। सरकारी व्यय, निर्यात और उद्योगों के पूंजी निवेश के बल पर चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर के 9.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
चालू वित्त वर्ष के अप्रैल जून तिमाही में इसके 20.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने के बाद विश्लेषक यह अनुमान लगा रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपनी आर्थिक शोध रिपोर्ट में यह अनुमान जताते हुये कहा कि सरकारी व्यय, निर्यात और उद्योग गजत के निवेशे के बल पर इस वित्त वर्ष में विकास दर 9.7 प्रतिशत रह सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र पर कोरोना का व्यापक असर नहीं हुआ है और इस क्षेत्र का उत्पादन कोरोना काल के पहले के स्तर पर पहुंच रहा है। हालांकि उसने कहा है कि मानसून के सामान्य से कम रहने के कारण विकास पर असर पड़ सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन सकारात्मक रहने की उम्मीद है। इसके साथ ही निर्यात भी बढ़ सकता है और सरकारी व्यय में तो बढोतरी होगी ही।
रिपोर्ट में कहा गया है कि टीकाकरण में तेजी, सरकारी कर संग्रह , निर्यात और चुनिंदा क्षेत्रों में निजी निवेश में बढोतरी विकास को गति देने वाले कारक हो सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 20.1 प्रतिशत की दर से बढ़ा है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 24.4 प्रतिशत ऋणात्मक रहा था।