नई दिल्ली। कच्चे तेल के दुनिया में बड़े ग्राहक चीन में प्रोडक्शन रास्ते पर नहीं आ रहा है। दरअसल वहां कोविड-19 (Covid-19) के डेल्टा वैरिएंट का कहर फिर से टूट पड़ा है। इसका असर ऑयल मार्केट पर पड़ा है। यही नहीं, दुनिया के अन्य देशों में भी कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट की वजह से ग्लोबल ऑयल डिमांड में रिकवरी नहीं हो पा रही है। इसलिए सोमवार को ब्रेंट क्रूड एक बार फिर से भारी गिरावट हुई। यदि भारत के पेट्रोल-डीजल बाजार को देखें तो यहां बीते 31 दिनों से पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं। दिल्ली के बाजार में मंगलवार को भी इंडियन ऑयल के पंप पर पेट्रोल 101.84 रुपये प्रति लीटर और डीजल 89.87 रुपये प्रति लीटर पर टिका रहा।
इस साल मई से जुलाई के बीच 11.52 रुपये महंगा हो चुका है पेट्रोल
इस साल की पहली तिमाही के दौरान कई राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चलने की वजह से बीते मार्च और अप्रैल में पेट्रोल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी। इसलिए, उस दौरान कच्चा तेल महंगा होने के बाद भी पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। लेकिन, बीते चार मई से इसकी कीमतें खूब बढ़ी। कभी लगातार तो कभी ठहर कर, 42 दिनों में ही पेट्रोल 11.52 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। हालांकि, हरदीप सिंह पुरी के पेट्रोलियम मंत्री बनने के बाद बीते 18 जुलाई से इसके दाम स्थिर हैं।