नई दिल्ली. ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न ने एनआर नारायण मूर्ति (NR Narayan Murthy) के मालिकाना हक वाली कैटामारन वेंचर्स (Catamaran Ventures) के साथ अपनी साझेदारी तोड़ने का फैसला कर लिया है. दोनों कंपनियां संयुक्त प्रिवन बिजनेस सर्विसेस (Prione Business Services) के नाम से संयुक्त उपक्रम (Joint Venture) चलाती हैं. इसकी सहायक कंपनी क्लाउडटेल (Cloudtail) देश में अमेज़न के बड़े सेलर्स में शामिल है. बता दें कि दोनों कंपनियों के ज्वाइंट वेंचर को मई 2022 में रिन्यू किया जाना था. अब साझेदारी के नवीकरण (Renew) के बजाय मई 2022 से दोनों कंपनियों के रास्ते अलग हो जाएंगे.
ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबार के तरीकों पर उठते रहे हैं सवाल
अमेज़न ने बताया कि दोनों कंपनियों ने आपसी सहमति से अपने संयुक्त उपक्रम को खत्म करने का फैसला कर लिया है. बता दें कि देश में ई-कॉमर्स कंपनियों पर कारोबार के गलत तरीकों का इस्तेमाल करने के आरोप लगते रहे हैं. कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कई बार इन कंपनियों की जांच करने और रोक लगाने की मांग केंद्र सरकार से की है. इन कंपनियों के कारोबारी तरीकों को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) भी आपत्ति जता चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) को अमेज़न और फ्लिपकार्ट (Flipkart) की अनुचित कारोबारी कोशिशों की जांच करने की मंजूरी दी है.
चुनिंदा वेंडर्स को फायदा पहुंचाने के लिए लगते रहे हैं आरोप
प्रिवन बिजनेस सर्विसेस की शुरुआत 7 साल पहले हुई थी. अमेज़न और कैटामारन के बीच संयुक्त उपक्रम मई 2022 में ही रिन्यू होना था. हालांकि, इससे पहले ही इसे समाप्त कर दिया जाएगा. ई-कॉमर्स कंपनियों पर चुनिंदा वेंडर्स को फायदा पहुंचाने के आरोप भी लगे हैं. इन वेंडर्स को ई-कॉमर्स को बिजनेस का बड़ा हिस्सा ई-कॉमर्स कंपनियों से मिलता है. केंद्र सरकार ने तीन साल पहले प्रेस नोट-2 के जरिये संशोधन करते हुए मार्केटप्लेसेस से यह पक्का करने को कहा था कि वे अपने ग्रुप से जुड़ी फर्मों के प्रोडक्ट्स अपने प्लेटफॉर्म पर नहीं बेचेंगी.