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राहत भरी खबर: बैंक डूबने पर 90 दिनों के भीतर ग्राहकों को चुकाने होंगे 5 लाख

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 29 2021 2:56PM | Updated Date: Jul 29 2021 3:35PM
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नई  दिल्ली। बैंक में पैसा रखने वालों के लिए सरकार ने बड़ी राहत दी है। अगर बैंक डूबता है, तो उसके ग्राहकों को 90 दिनों के भीतर 5 लाख रुपये तक की राशि मिल जाएगी। वे बैंक भी इस सुविधा के दायरे में आएंगे, जिन पर रिजर्व बैंक ने कोई रोक या मोहलत दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बैंक ग्राहकों के हित में यह फैसला लिया गया है।
 
5 लाख रुपये तक की राशि सुरक्षित
कैबिनेट ने इसके लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) एक्ट में संशोधन को मंजूरी दी है। इसके तहत दिवालिया होने या उसका लाइसेंस रद्द होने की स्थिति में किसी बैंक में जमाकर्ता की जमा राशि 5 लाख रुपये तक सुरक्षित रहती है। हालांकि, जमा राशि इससे अधिक भी हो सकती है। पहले यह सीमा केवल 1 लाख रुपये हुआ करती थी, जिसे अब भारत सरकार ने बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है।
 
जमा राशि का 98।3% कवर किया जाएगा
कैबिनेट में लिए गए फैसलों के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 98।3% जमा राशि DICGC विधेयक 2021 के तहत कवर की जाएगी। जमा मूल्य में 50।9% का जमा कवर होगा। वैश्विक जमा मूल्य सभी जमा खातों का 80 प्रतिशत है, जो जमा मूल्य के केवल 20 से 30 प्रतिशत को कवर करता है। DICGC अधिनियम के तहत, सभी वाणिज्यिक, विदेशी, छोटे, ग्रामीण और निगम बैंक जमा बीमा के दायरे में आते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि किसी बैंक के संकट में होने की स्थिति में पहले 45 दिनों के भीतर उन सभी खातों की जानकारी एकत्र की जाएगी जिनके लिए दावा किया गया है और इसे डीआईसीजीसी को सौंप दिया जाएगा। DICGC इन खातों की जांच करेगा और फिर अगले 45 दिनों के भीतर जमाकर्ताओं को 5 लाख रुपये तक वापस कर दिए जाएंगे।
 
इसी मानसून सत्र में आएगा विधेयक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डीआईसीजीसी एक्ट में संशोधन का बिल मौजूदा मानसून सत्र में ही लाया जा सकता है। पीएमसी बैंक, यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक पिछले साल आरबीआई की मोहलत के तहत आने के बाद जमाकर्ताओं को अपना पैसा वापस पाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसे देखते हुए सरकार ने पिछले साल एक बड़ा फैसला लेते हुए जमा बीमा की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी थी।
 
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