नई दिल्ली। अगले कुछ दिनों में अगस्त का महीना शुरू होने वाला है और 1 अगस्त से आपके दैनिक जीवन से जुड़े नियमों में कुछ बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा।
एक अगस्त से बैंक से नकद निकासी और चेक बुक के नियम बदलने जा रहे हैं। अब इन सेवाओं के लिए आपको को ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे। अगर आप तय सीमा से ज्यादा बार एटीएम से पैसे निकालते हैं तो उसके लिए आपको अतिरिक्त चार्ज देना होगा।
इतना ही नहीं ट्रांजैक्शन फेल होने पर भी आपको चार्ज देना पड़ेगा। इसके अलावा एक अगस्त से रसोई गैस की नई कीमतें भी जारी होंगी, इसका सीधा असर आपकी घर के बजट पर पड़ता है। आइए जानते हैं 1 अगस्त से किन नियमों में बदलाव होने वाला है।
एक अगस्त से लगने वाला चार्ज
- IPPB खातों में फंड ट्रान्सफर पर 20 रुपये प्लस जीएसटी।
- दूसरे बैंक खातों में फंड ट्रान्सफर पर 20 रुपये प्लस जीएसटी।
- सेंड मनी सर्विस के तहत स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शंस, पीओएसबी स्वीप इन और पीओएसबी स्वीप आउट के लिए 20 रुपये प्लस जीएसटी
- डाकघर के प्रॉडक्ट जैसे सुकन्या समृद्धि खाता, पीपीएफ, आरडी, एलएआरडी के लिए 20 रुपये प्लस जीएसटी।
- बिल पेमेंट्स के तहत मोबाइल पोस्टपेड और बिल पेमेंट के लिए 20 रुपये प्लस जीएसटी।
- सर्विस रिक्वेस्ट्स के मामले में अकाउंट सर्विसेज के तहत क्यूआर कोड रिइश्यू के लिए चार्ज 20 रुपये प्लस जीएसटी।
- असिस्टेड यूपीआई के लिए 20 रुपये प्लस जीएसटी।
- कैश विदड्रॉअल और कैश डिपॉजिट के लिए 20 रुपये प्लस जीएसटी।
ATM इंटरचेंज फीस में बढ़ोतरी
1 अगस्त 2021 से एटीएम से तय सीमा से ज्यादा ट्रांजेक्शन पर ज्यादा पैसे देने होंगे। इंटरचेंज फीस को फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए 15 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये कर सकते हैं। वहीं नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए इंटरचेंज फीस को 5 रुपये से बढ़ाकर 6 रुपये कर सकते हैं।
आरबीआई इसकी इजाजत पिछले माह दे चुका है। बैंक अपने ग्राहकों की सुविधा के लिये एटीएम लगाते हैं और दूसरे बैंकों के ग्राहकों को भी इसके जरिए सेवाएं दी जाती हैं। निर्धारित सीमा से अधिक उपयोग के एवज में वे शुल्क लेते हैं जिसे इंटरचेंज फीस कहते हैं। आरबीआई का कहना है कि एटीएम लगाने की बढ़ती लागत और एटीएम परिचालकों के रखरखाव के खर्च में वृद्धि को देखते हुए शुल्क बढ़ाने की अनुमति दी गई है।