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5 साल में देश पर कितना बढ़ा विदेशी कर्ज, सरकार ने संसद में दी पूरी जानकारी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 19 2021 6:28PM | Updated Date: Jul 19 2021 6:28PM
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नई दिल्ली। सोमवार से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो गया है। कोरोना वायरस महामारी की खतरनाक दूसरी लहर के बाद शुरू हुए इस सत्र के धमाकेदार होने की उम्‍मीद पहले से ही थी। पहले दिन संसद में जोरदार हंगामा हुआ। पहले दिन सरकार ने सदन को जानकारी दी कि पिछले 5 साल में देश पर विदेशी कर्जे में कितना इजाफा हुआ है। सरकार की तरफ से उन नीतियों के बारे में भी बताया गया है कर्ज को कम करने के लिए उसकी कौन सी नीतियां प्रभावी साबित हो रही हैं।
 
क्‍या कहता है RBI
आरबीआई के मुताबिक मूल्यांकन प्रभाव को हटा दिया जाए तो मार्च 2020 की तुलना में मार्च 2021 में विदेशी कर्ज भार में वृद्धि 11.5 अरब डॉलर के मुकाबले 4.77 अरब डॉलर होती। सरकार की मानें तो अमेरिकी डॉलर के दबदबे वाला कर्ज भारत के विदेशी कर्ज की सबसे बड़ी वजह है। इसकी हिस्सेदारी 52।1 फीसदी थी। वित्‍त राज्‍य मंत्री पंकज चौधरी के मुताबिक भारत पर विदेशी कर्जे में मार्च 2017 में और 2021 में इजाफा हुआ है। इसकी सबसे बड़ी व्‍यावसायिक लेन-देन, कम अवधि वाले कर्ज और द्विपक्षीय कर्ज हैं। उन्‍होंने बताया कि सरकार की कर्ज प्रबंधन की नीति की वजह से ऋण की दरों पर लगाम लगाने में मदद मिली है। लगातार बढ़ता कर्ज चिंता का विषय है।
 
दूसरे देशों को कर्ज देता है भारत
भारत की तरफ से पिछले कई वर्षों में कुछ देशों की मदद के लिए कर्ज देने की नीति शुरू की गई है। वित्त वर्ष 2013-14 में विभिन्न देशों को 11 अरब डॉलर का कर्ज दिया, जो वित्त वर्ष 2018-19 में 7267 करोड़ रुपये हो गए। वहीं 2019-20 में यह आंकड़ा बढ़कर 9069 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, भारत ज्यादातर कर्ज एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देशों को देता है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
 

 

 

 

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