अहमदाबाद। देश के विभिन्न हिस्सों के लिए चलाई जा रही विशेष समयबद्ध पार्सल ट्रेनों का सिलसिला जारी रखने के क्रम में पश्चिम रेलवे को अब तक पार्सल विशेष ट्रेनों के परिचालन से 34.17 करोड़ रुपये आमदनी हुई है। मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने मंगलवार को यहां बताया कि कोरोना महामारी के कारण प्रतिबंधित यातायात प्रवाह के बावजूद पश्चिम रेलवे द्वारा अत्यावश्यक सामग्री पूरे देश में उपलब्ध कराई जाती रही हैं।
अत्यावश्यक सामग्री अनिवार्य दवाइयों और मेडिकल सामान के परिवहन हेतु देश के विभिन्न हिस्सों के लिए चलाई जा रही विशेष समयबद्ध पार्सल ट्रेनों का सिलसिला जारी रखने के क्रम में प. रेलवे में गुजरात के पोरबंदर से शालीमार/ बांद्रा टर्मिनस पार्सल विशेष के अलावा कांकरिया से कटक और कांकरिया से बेनापोल विशेष ट्रेन सहित तीन पार्सल स्पेशल ट्रेनें 24 अगस्त को रवाना हुईं।
प. रेलवे द्वारा 23 मार्च से 23 अगस्त तक 1.06 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को अपनी 488 पार्सल विशेष गाड़ियां के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से हासिल राजस्व लगभग 34.17 करोड़ रुपये रहा है। इस अवधि के दौरान 78 दूध विशेष रेलगाड़ियां चलाई गईं जिनमें लगभग 59 हजार टन भार था और इसके उपयोग से लगभग 10.22 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न हुआ।
इसी तरह 384 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियां 35,000 टन के भार के साथ विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके द्वारा अर्जित राजस्व 17.98 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा 11हजार टन भार वाले 22 इंडेंटेड रेक भी लगभग चलाये गये जिनसे 5.98 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। लॉकडाउन अवधि के दौरान 22 मार्च से 23 अगस्त तक रेलगाड़ियां के कुल 12,779 रेक का उपयोग 26.52 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया, जिसके फलस्वरूप 3359 करोड़ रुपये का उल्लेखनीय राजस्व हासिल हुआ।
अन्य जोनल रेलों के साथ 25,202 रेलगाड़ियां को इंटरचेंज किया गया। पार्सल वैन, रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गये।