नई दिल्ली। ई कॉमर्स मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट ने आज अपने फ्लिपकार्ट समर्थ प्रोग्राम की पहली वर्षगांठ के अवसर पर कारीगरों, बुनकरों तथा ग्रामीण उद्यमियों को अधिक लाभ पहुंचाने की घोषणा की है। कंपनी ने यहां कहा कि समर्थ देशभर में 20 करोड़ से अधिक वाले उपभोक्ता आधार तक पहुंच बनाने में मदद पहुंचाकर देश में स्थानीय तौर पर विकसित टैक्नोलॉजी की मदद से ई-कॉमर्स को सही मायने में सर्वसुलभ बना रहा है। फ्लिपकार्ट समर्थ प्रोग्राम की पहली सालगिरह के मौके पर फ्लिपकार्ट ने अपनी पेशकश को और मजबूत बनाया है और यह अपने विक्रेता भागीदारों के लिए नए फायदे लेकर आया है।
इनमें फ्लिपकार्ट के मंच से जुड़ने वाले किसी भी विक्रेता को पहले 6 महीने तक शून्य कमीशन यानी पूरी तरह से कमीशन माफी का लाभ मिलेगा। पहले 6 महीने की अवधि के बाद, इन विक्रेताओं से उद्योग के मानकानुसार 5 प्रतिशत कमीशन लिया जाएगा और इस प्रकार वे मौजूदा वक्त की सामाजिक तथा आर्थिक चुनौतियों से लड़ते हुए अपने कारोबार को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर आगे बढ़ा सकेंगे। इसके अलावा, फ्लिपकार्ट समर्थ विक्रेताओं को कुछ सीमित संख्या में अपने उत्पादों के लिए मुफ्त कैटलॉ गिंग सपोर्ट, पहले महीने एडवर्टाइजिंग क्रेडिट जैसी सुविधा भी मिलेगी ताकि प्लेटफार्म पर उनकी दृश्यता बेहतर हो सके।
साथ ही, ई-कॉमर्स संबंधी व्यावहारिक प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी मिलेगा और फ्लिपकार्ट फुलफिलमेंट सेंटर में उन्हें अलग से जगह भी उपलब्ध करायी जाएगी। ये पेशकश इन नए विक्रेताओं को ई-कॉमर्स से जुड़ने और समाज के इस कम सुविधा प्राप्त तबके को अपने डिजिटल फुटप्रिंट में सुधार लाने में मददगार होगी। फिलहाल, फ्लिपकार्ट समर्थ देशभर में 6 लाख से अधिक कारीगरों, बुनकरों और शिल्पियों को आजीविका कमाने में समर्थन दे रहा है और साथ ही, नए विक्रेताओं को भी प्लेटफार्म से जोड़ने की दिशा में प्रयत्नशील है। इस मौके पर कंपनी द्वारा आयोजित वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि एमएसएमई हमारी अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा सक्रियता के साथ योगदान करने वाला वर्ग है।
इनसे न सिर्फ देश के विकास में मदद मिलती है बल्कि एमएसएमई के पास और बहुत अधिक करने की जबर्दस्त संभावना भी मौजूद है। जैसा कि कई उद्योगों में होता है, निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों की इकाइयां एकजुट हो रही हैं और ऐसा ही कुछ ई-कॉमर्स के क्षेत्र में देखा जा रहा है जो यहां काफी व्यापक प्रभाव डालेगा। इससे एक बड़ा फायदा यह मिलेगा कि यह भारतीय एमएसएमई और हस्तशिल्प क्षेत्र को अपनी कार्यशैली में ग्लोबल सोच को शामिल करने के लिए प्रेरित करेगा।
अब समय आ चुका है कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर हस्तशिल्पों समेत अन्य उत्पादों के लिहाज से ग्लोबल हब के तौर पर अपनी पहचान बनाए और ऐसे में ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ इनकी भागीदारी से दोनों पक्षों को फायदा होगा। पिछले एक वर्ष में, फ्लिपकार्ट ने देशभर में अनेक सरकारी निकायों के साथ भागीदारी कर स्थानीय कारीगरों, बुनकरों एवं शिल्पियों को ई-कॉमर्स से जोड़ने की दिशा में काफी प्रयास किए हैं ताकि उन्हें इस प्लेटफार्म का फायदा दिलाया जा सके।