नई दिल्ली। कोरोना महामारी और लद्दाख में वास्तनिक नियंत्रण रेखा- एलएसी पर चीन के साथ तनातनी के बीच मौजूदा वर्ष के जून में चीन को इस्पात और लौह अयस्क के निर्यात में 1400 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। इंजीनियरिंग उत्पाद निर्यात संवर्धन परिषद ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी और बताया कि जून 2020 में चीन को लौह अयस्क का निर्यात 1400 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 52 करोड़ 40 लाख डॉलर तक पहुंच गया है जबकि जून 2019 में चीन को मात्र तीन करोड़ 50 लाख डालर का इस्पात और लौह अयस्क भेजा गया था।
आलोच्य माह में इस्पात और लौह अयस्क का वियतनाम को निर्यात 700 प्रतिशत बढ़कर 18 करोड़ 30 लाख डॉलर हो गया है। जून 2020 में ताईवान को इस्पात और लौह अयस्क का निर्यात तीन करोड़ 50 लाख डॉलर रहा है जबकि इससे पिछले वर्ष के इसी माह में यह आंकड़ा एक करोड़ 10 लाख डॉलर था। परिषद ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण अप्रैल और मई में इस्पात और लौह अयस्क के निर्यात में भारी गिरावट हुई थी लेकिन जून में निर्यात में कुछ सुधार हुआ और यह गिरावट महज 7.24 प्रतिशत पर रुक गयी।
इसमें चीन, वियतनाम और ताईवान को होने वाले निर्यात का मुख्य योगदान रहा। इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात में अप्रैल में 64 प्रतिशत और मई में 24 प्रतिशत कमी आयी थी। जून 2020 में इस्पात, लौह अयस्क तथा अन्य धातुओं के निर्यात में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी है। जून 2020 में इसका कुल निर्यात 1.32 अरब डॉलर का रहा है जबकि इससे पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह आंकडा 65 करोड़ 35 लाख 20 हजार डॉलर का था।