नई दिल्ली। 30 जून से बैंकों के बचत खाते में पैसे रखने का नियम बदल जाएगा। किसी भी व्यक्ति का बचत खाता होना एक आम बात है लेकिन बैंकों द्वारा आए दिन कोई ना कोई बदलाव किया ही जाता है। दरअसल कोरोना संकट के कारण मार्च में देश में लॉकडाउन के ऐलान के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंक खाता धारकों के लिए न्यूनतम बैलेंस में राहत देने का ऐलान किया था। वित्त मंत्री ने 24 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि किसी भी बैंक में बचत खाते में तीन महीनों के लिए न्यूनतम बैलेंस रखने की अनिवार्यता नहीं होगी। निर्मला सीतारमण का यह राहत अप्रैल, मई और जून के लिए था।
सरकार के इस फैसले के मुताबिक इन तीन महीनों के दौरान बरीचत खाते में किसी न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने पर बैंक पेनाल्टी नहीं लगा सकता। आपको बता दें कि तमाम बैंक अपने हिसाब से न्यूनतम बैलेंस तय करता है। हर महीने खाताधारक को अपने अकाउंट तय रखना जरूरी होता है। ऐसे नहीं होने पर बैंक पेनाल्टी लेता है। गौरतलब है कि इसके पहले मेट्रो शहरों में SBI के बचत खाते न्यूनतम 3,000 रुपये रखना अनिवार्य था। इसी प्रकार अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिये यह रकम क्रमश: 2,000 रुपये और 1,000 रुपये था। मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर एसबीआई ग्राहकों से 5-15 रुपये प्लस टैक्स वसूलता था।
इसके साथ ही सरकार ने एटीएम से कैश विड्रॉल पर लगने वाले चार्ज से भी राहत दी थी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि डेबिट कार्ड होल्डर्स तीन महीनों के लिए किसी भी बैंक के एटीएम से कैश विड्रॉल कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कोई चार्ज नहीं देना होगा। ताकि कैश निकालने के लिए कम से कम संख्या में लोग बैंक शाखाओं में जायें। अभी तक वित्त मंत्रालय या फिर किसी भी बैंक की तरफ से इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि यह आगे भी जारी रहेगा या नहीं। हालांकि देश में अभी भी कोरोना का कहर जारी है। और कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं लौटी है। लेकिन, अब तक इस छूट को जून से आगे बढ़ाने के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है।