कोरोना वायरस महामारी के दौर में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने चीन से तीन गुना सस्ती और बेहतर पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट बनानी शुरू कर दी है। यह किट अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप और बेहतर गुणवत्ता की है। कंपनी के सिल्वासा प्लांट में रोजाना 1 लाख पीपीई किट बनाई जा रही हैं।
पीपीई किट डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा पुलिस और सफाई कर्मचारियों जैसे फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाती है। चीन से आयात की जा रही प्रति PPE की कीमत 2000 रु से अधिक आती है। वहीं रिलायंस की इकाई आलोक इंडस्ट्रीज, पीपीई किट मात्र 650 रु में तैयार कर रही है। इसके अलावा, ‘कोरोना टेस्टिंग किट’ के क्षेत्र में भी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने स्वदेशी तकनीक विकसित की है।
रोज 1 लाख PPE किट हो रहे तैयार- रोजाना एक लाख से अधिक पीपीई किट बनाने के लिए रिलायंस ने अपने विभिन्न उत्पादन सेंटर्स को इस काम में लगाया है। जामनगर में स्थित देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी ने ऐसे पेट्रोकैमिकल्स का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर दिया, जिससे पीपीई का कपड़ा बनता है। इसी कपड़े का इस्तेमाल कर आलोक इंडस्ट्रीज में पीपीई बनाए जा रहे हैं। आलोक इंडस्ट्रीज को हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने खरीद लिया है। आलोक इंडस्ट्रीज की सभी सुविधाओं का इस्तेमाल फिलहाल पीपीई किट बनाने में हो रहा है। वहीं, 10 हजार से अधिक लोग आलोक इंड्स्ट्रीज में पीपीई बनाने के काम में जुटे हैं।
कोरोना टेस्टिंग किट- 45 मिनट में रिजल्ट- रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ‘कोरोना टेस्टिंग किट’ के क्षेत्र में भी स्वदेशी तकनीक विकसित की है। काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के साथ मिलकर रिलायंस ने पूरी तरह स्वदेशी आरटी-एलएएमपी (RT-LAMP) आधारित कोविड-19 टेस्ट किट बनाई है। यह टेस्टिंग किट चीनी किट से कई गुना सस्ती है। 45 से 60 मिनट के भीतर टेस्टिंग के सटीक नतीजे मिल जाते हैं।