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आत्मनिर्भर भारत : चौथे दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये 8 सेक्टर के लिए की घोषणा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 16 2020 5:29PM | Updated Date: May 16 2020 5:29PM
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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 16 मई प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रही हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रेस कांफ्रेंस का चौथा चरण है। इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के फायदे के लिए कई कदम उठाए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी किसान काम करते रहे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 8 सेक्टर के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। घोषणा की
 
कोयला उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। सरकार इस क्षेत्र के नियमों में बदलाव कर रही है। इससे उत्पादन में सुधार होगा और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। कोयला क्षेत्र में सरकार का एकाधिकार समाप्त किया जाएगा। कारोबारियों के लिए ढील दी जाएगी। कोयला उत्पादन क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 500 माइनिंग ब्लॉक की नीलामी होगी। माइनिंग लीज का अब ट्रांसफर हो सकेगा।
 
- निजी कंपनी को कोयला क्षेत्र में सरकार बढ़ावा देगी।
 
- रक्षा उत्पादन में मेक इन इंडिया पर जोर दिया जाएगा।
 
- सेना को आधुनिक हथियारों की जरुरत है, इसलिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना होगा।
 
- डिफेंस क्षेत्र में आयात न किए जाने वाले उत्पादों की लिस्ट बनेगी। सेना को आधुनिक हथियारों की जरूरत है, उनका उत्पादन भारत में होगाः वित्त मंत्री
 
- रक्षा प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी के प्राइवेटाइजेशन नहीं कॉरपोरेटाइजेशन (निगमीकरण) किया जाएगा।
 
- रक्षा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाकर 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दिया जाएगा।
 
- भारतीय सेना को आधुनिक हथियारों की जरूरत है। रक्षा उत्पादन में मेक इन इंडिया के जरिए आत्मनिर्भर होना है। आयात नहीं किए जानों वालों हथियार की लिस्ट बनेगी। उनका उत्पादन भारत में ही किया जाएगा। रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी हथियारों के लिए अलग से बजट होगा। इससे रक्षा आयात को कम किया जा सकेगा। स्वदेशी कंपनियों को फायदा होगा। डिफेंस सेक्टर एफडीआई की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी किया गया। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री शेयर बाजार में लिस्टेड होगी।
 
-वित्त मंत्री ने शनिवार को कहा कि देश के कई सेक्टर मुश्किलों का सामना कर रहा हैं। हमें इस समय अपने उत्पादों को विश्वसनीय बनाना होगा। भारत दुनिया भर के व्यवसायी लोगों के लिए निवेश की पहली पसंद है। ऐसे में हमें निवेश लाकर रोजगार बढ़ाने पर काम करने हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास बुनियादी सुधारों पर है। उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करना होगा और मुकाबले के लिए तैयार रहना होगा।
 
लॉकडाउन अवधि के दौरान 74,300 करोड़ रुपये से अधिक की राशि से अनाज का न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद हुई है। 18700 करोड़ रुपये का पीएम किसान निधि हस्तांतरण किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि देश में कुल 53 करोड़ पशुओं के लिए 13,000 करोड़ रुपये खर्च होगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक कृषि का आधारभूत ढ़ांचा बनाने के लिए 1 लाख करोड़ की योजना लाई गई है। इसके अलावा, 20 हजार करोड़ की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, जिसकी घोषणा बजट में की गई है। कोरोना की वजह से इसे तत्काल लागू किया जा रहा है। मछुआरों को नई नौकाएं दी जाएंगी, 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे भारत का निर्यात दोगुना बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा। अगले 5 साल में 70 लाख टन अतिरिक्त मत्स्य उत्पादन होगा।
 
वित्त मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन ग्रीन का विस्तार टमाटर, प्याज और आलू के अलावा बाकी सभी फल और सब्जियों के लिए भी किया जाएगा।वित्त मंत्री ने कहा कि माइक्रो फूड इंटरप्राइज के लिए 10,000 करोड़ क स्कीम लाई गई है। उदाहरण देते हुए निर्मला सीतारमण ने बताया कि बिहार में मखाना के क्लस्टर, केरल में रागी, कश्मीर में केसर, आंध्र प्रदेश में मिर्च, यूपी में आम से जुड़े क्लस्टर बनाए जा सकते हैं। इसका फायदा करीब 2 लाख माइक्रो फूड इंटरप्राइज को मिलेगा।
 
मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये की सहायता किसानों को दी जाएगी इससे 2 लाख पालकों की आय बढ़ेगी। इसके साथ ही हर्बल पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 4,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इन पौधों की ग्लोबल डिमांड है। लगभग 10 लाख हेक्टेयर में हर्बल प्रोड्क्टस की खेती होगी। इससे 5,000 करोड़ की आय किसानों को होगी। गंगा के किनारे 800 हेक्टेयर भूमि पर हर्बल प्रोडक्ट्स के लिए कॉरिडोर बनाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि एनिमल हसबैंड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर डेलेवपमेंट फंड में 15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। दूध उत्पादन, वैल्यू एडिशन के लिए खर्च किए जाएंगे।
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