नई दिल्ली। कोरोना के संकट में अब टाटा ग्रुप के कर्मचारियों को भी सैलरी कट का नुकसान झेलना पड़ सकता है। कोरोना महामारी से लॉकडाउन के कारण इन दिनों कंपनियों के कारोबार को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में देश का सबसे बड़ा उद्योग घराना टाटा ग्रुप अपनी कुछ कंपनियों के कर्मचारियों की सैलरी घटा सकता है। कोरोना के कारण लॉकडाउन के बाद यात्राओं पर बंदिशें लागू हैं। गैर-जरूरी वस्तुओं का उत्पादन ठप्प है। इससे इंडियन होटल्स, टाटा एसआईए एयरलाइंस और टाटा मोटर्स जैसी समूह की कुछ कंपनियों को भारी नुकसान पहुंचा है। टाटा पावर और टाटा कम्यूनिकेशंस जैसी अन्य यूनिटों में रोक से बिजली और इंटरनेट की मांग बढ़ी है।
मुंबई स्थित ताज महल पैलेस के स्वामित्व वाली कंपनी इंडियन होटल्स ने कहा कि इस तिमाही में वरिष्ठ कर्मचारी अपनी सैलरी के कुछ हिस्से को कॉन्ट्रिब्यूट करेंगे। इससे कंपनी को कुछ मदद मिलेगी। वहीं कंपनी के सीईओ पुनीत चटवाल ने इस बारे में कर्मचारियों को एक ईमेल भेजा है। जिसमें उन्होंने कहा कि हम हर महीने स्थितियों का मूल्यांकन कर रहे हैं, स्थितियों के अनुसार कुछ कड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
टीसीएस ने अपने 4.5 लाख कर्मचारियों की वेतनवृद्धि रोक दी
इसी तरह समूह की एविएशन कंपनी विस्तारा ने भी अपने 4,000 कर्मचारियों में से 30 फीसदी को कुछ दिन के लिए लीव विथाउट पे यानी बिना वेतन छुट्टी पर रहने को कहा है। लागत को घटाने के लिए यह फैसला किया गया है। कंपनी की प्रमोटर टाटा संस इसमें और पैसा डालने के बारे में सोच रही है। विस्तारा काफी समय से नुकसान में चल रही है। कंपनी की पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए यह कदम उठाया जाएगा। देशभर में लॉकडाउन से एविएशन और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को इस साल 1 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है। टाटा ग्रुप की सबसे ज्यादा मुनाफे वाली कंपनी टीसीएस ने अपने 4.5 लाख कर्मचारियों की वेतनवृद्धि रोक दी है। मालूम हो कि कंपनी को अप्रैल-जून तिमाही के दौरान कमाई के घटने के आसार हैं।
अब तक इन दिग्गज कंपनियों में हुआ सैलरी में कटौती
रिलायंस इंडस्ट्रीज, कोटक महिंद्रा बैंक और कई अन्य कंपनियों के बाद टाटा समूह भी अब उनमें शामिल हो गया है जिन्होंने लागत घटाने के लिए कर्मचारियों की सैलरी काटने का फैसला किया है। देश के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप ने भी अपने हाइड्रोकार्बन बिजनस के सीनियर कर्मचारियों की सैलरी में 50 फीसदी तक की कटौती की है। इसके अलावा कोटक महिंद्रा बैंक, स्पाइसजेट, ओयो, इंडिगो समेत कई दिग्गज कंपनियों ने सैलरी में कटौती और छंटनी जैसे कठिन फैसले लिए हैं।