नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में केंद्र सरकार ने देशभर में लॉकडाउन किया हुआ है। इस बीच गरीब वर्ग को राहत देने के लिए सरकार ने 5 मई, 2020 तक 39 करोड़ गरीब परिवारों को प्रधान मंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 34,800 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी है। केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने इसकी जानकारी ट्विटर पर ट्वीट कर के दी है। इसी राहत पैकेज के तहत उज्ज्वला स्कीम में केंद्र सरकार मुफ्त LPG सिलेंडर बांट रही है सरकार की इस स्कीम के तहत 4.5 करोड़ उज्जवला लाभार्थियों को फ्री एलपीजी सिलेंडर दिए गए हैं।
सरकार की इस स्कीम का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिल सकेगा, जो इस स्कीम के तहत रजिस्टर्ड आइए आपको बताते हैं कि कैसे और कौन उठा सकता है इस स्कीम का फायदा। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि चार मई से लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद मई में मुफ्त गैस सिलेंडर लेने वाले उज्जवला लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि होगी। पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़ो के मुताबिक, अप्रैल माह में करीब चार करोड़ 50 लाख लाभार्थियों ने सिलेंडर बुक कराया है।
इसमें से अधिकतर उपभोक्ताओं के घर सिलेंडर पहुंच गए हैं। कुछ लाभार्थियों ने अप्रैल महीन के अंत में बुकिंग कराई है, ऐसे में एक-दो दिन में उनके घर तक गैस सिलेंडर पहुंच जाएगा। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि यह काफी बड़ा आंकड़ा है। मई में गैस सिलेंडर बुकिंग में और वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री उज्जवला गैस के सभी लाभार्थियों तक पहला मुफ्त गैस सिलेंडर पहुंचाने के लिए केंद्र ने दो अप्रैल को बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए थे।
इनमें से जिन लाभार्थियों ने अप्रैल में सिलेंडर बुक करा दिया है, उनके खाते में दूसरे सिलेंडर के पैसे ट्रांसफर कर दिए जाएगें। मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड होना अनिवार्य-लाभ लेने के लिए LPG सिलेंडर लेने के लिए ग्राहक का मोबाइल नंबर रजिस्टर होना अनिवार्य है। इसका मतलब है कि जिन लाभार्थियों का मोबाइल नबंर गैस एजेंसी के पास रजिस्टर्ड है, उन्हें ही इस स्कीम का लाभ मिल सकेगा। इस स्कीम के तहत लाभ देने के लिए सरकार ने पूरी तैयार करने के बाद सिलेंडरों की सप्लाई भी शुरू कर दी है।
इसके लिए पहले लाभार्थी के खाते में सिलेंडर की रकम जमा होगी। इसके बाद वह गैस बुक कराएगा और नकद भुगतान कर सिलेंडर लेगा। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 मई, 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में किया था। 8000 करोड़ योजना के कार्यान्वयन के लिए आवंटित किए गए थे। योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य रूप से गरीब परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने के लिए ईंधन उपलब्ध कराना है।