नई दिल्ली। विपक्ष ने सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया को बेचे जाने पर सवाल उठाते हुये आज आरोप लगाया कि वह वायुयान (संशोधन) विधेयक, 2020 के जरिये विमानन क्षेत्र के सभी नियामकों के अधिकार अपने पास केंद्रीकृत करना चाहती है। विधेयक को लोकसभा में चर्चा के लिए प्रस्तुत करते हुये नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप ह पुरी ने कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए), नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) और विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) पहले से विमानन क्षेत्र का नियमन तथा विमानों और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते रहे हैं।
इनका गठन कार्यकारी आदेश के तहत हुआ है। इस संशोधन के जरिये इन एजेंसियों को संवैधानिक मान्यता दी जा रही है। कांग्रेस के एम.के. विष्णु प्रसाद ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुये पूछा कि सरकार एयर इंडिया को क्यों बेच रही है। जब चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप अपने चरम पर था उस समय एयर इंडिया के चालक दल के सदस्य ही वहाँ फँसे भारतीय को वापस लाने के लिए सामने आये।
क्यों किसी निजी विमान सेवा कंपनी ने उस समय पहल नहीं की उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार संसाधन बनाने की बजाय उन्हें बेचने में लगी हुई है। प्रसाद ने कहा कि विधेयक के जरिये केंद्र सरकार को तीनों एजेंसियों के कामकाज की समीक्षा और उनके द्वारा जारी आदेश को रद्द करने या उनमें बदलाव करने का अधिकार मिल जाता है। सरकार को यह भी अधिकार होगा कि वह तीनों एजेंसियों के महानिदेशकों के अधिकार किसी अन्य एजेंसी को भी सौंप सकती है। इस विधेयक के जरिये वह तीनों एजेंसियों की शक्तियाँ केंद्रीकृत कर अपने पास रखना चाहती है।