नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट का फायदा भले ही लोगों को नहीं मिला, लेकिन सरकार की जेब जरूर भर गई है। सरकार ने शनिवार को पेट्रोल तथा डीजल पर उत्पाद शुल्क में प्रति लीटर तीन रुपए की बढ़ोतरी की है, जिससे केंद्र को लगभग 39,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त फायदा होगा। इससे पहले साल 2014-15 में भी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा लोगों तक नहीं पहुंचाया था।
पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क प्रति लीटर 2 रुपए बढ़ाकर 8 रुपए कर दिया है, तो वहीं डीजल पर यह शुल्क 2 रुपए बढ़कर अब 4 रुपए प्रति लीटर हो गया है। इसके अलावा, पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला रोड सेस भी एक-एक रुपए प्रति लीटर बढ़ाकर 10 रुपए कर दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी से सरकार की कमाई में सालाना 39,000 करोड़ रुपए का इजाफा होगा। चालू वित्त वर्ष के बाकी तीन हफ्ते में सरकार को इससे लगभग 2,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होगी।
साल 2014 में पेट्रोल पर टैक्स 9.48 रुपए प्रति लीटर था और डीजल पर 3.56 रुपए. नवंबर 2014 से जनवरी 2016 तक केंद्र सरकार ने इसमें नौ बार इजाफा किया। इन 15 सप्ताह में पेट्रोल पर ड्यूटी 11.77 और डीजल पर 13.47 रुपए प्रति लीटर बढ़ी। इसकी वजह से 2016-17 में सरकार को 2,42,000 करोड़ रुपए की कमाई हुई, जो 2014-15 में 99,000 करोड़ रुपए थी। बाद में अक्तूबर 2017 में यह दो रुपए कम की गई. हालांकि इसके एक साल बाद ड्यूटी में फिर से 1.50 रुपए प्रति लीटर का इजाफा किया गया। इतना ही नहीं, जुलाई 2019 में यह एक बार फिर दो रुपए प्रति लीटर बढ़ा दी गई।