नई दिल्ली। बिल्डिंग मटेरियल्स ऐंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन कौंसिल (बीएमटीपीसी) ने कहा है कि वर्ष 2040 तक देश का रियल एस्टेट क्षेत्र के बढ़कर 46.2 लाख करोड़ रुपये के होने और इसका देश के सकल घरेलू उत्पाद में योगदान दोगुना होकर 14 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान है। संगठन के कार्यकारी निदेशक डॉ शैलेष कुमार अग्रवाल ने यहां एसोसिएशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री (इंडिया) और कॉलियर्स इंटरनेशनल द्वारा ट्रांसफॉर्मिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लैंडस्केप: रोल ऑफ रियल एस्टेंट इन शेपिंग रोडमैप फॉर इंडिया विषय पर आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2022 तक नए भारत की स्थापना के आहान में मकान और आधारभूत संरचना की भूमिका बड़ी हो जाती है।
यह समय है उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ नए-नए नीतिगत पहल करने का ताकि तेजी से विकास हो पाए, समग्र स्थायी विकास संभव हो और रहन-सहन और समावेश में आसानी हो। उन्होंने कहा कि अभी रियल एस्टेट क्षेत्र 8.5 लाख करोड़ रुपये का है और यह जीडीपी का सात प्रतिशत है। इस क्षेत्र में 5.5 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है तथा इसका 200 से अधिक संबंधित क्षेत्रों पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2040 तक इसके 46.2 लाख करोड़ रुपये का होने की उम्मीद है और जीडीपी में इसका 14 प्रतिशत का योगदान हो जायेगा।
इस क्षेत्र में करोड़ों लोगों को रोजगार मिलने का भी अनुमान है। इस अवसर पर एसोसिएशन ऑफ इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री (इंडिया) के महानिदेशक रजनीश दासगुप्ता ने कहा कि भारत विकास के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार, उद्योग और आम लोग समाज के साथ साझेदारी कर देश के विकास को तीव्र गति दे सकते हैं।