नई दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम शुरू हुए आज एक साल पूरे हो गए। हर किसान को सालाना 6000 रुपये की नगद सहायता देने के लिए शुरू की गई इस स्कीम में इस दौरान पांच बड़े बदलाव हुए हैं। जिससे किसानों को छह हजार रुपये की सहायता से कहीं अधिक का फायदा होने वाला है। मोदी सरकार ने इस स्कीम की औपचारिक शुरुआत 24 फरवरी 2019 को गोरखपुर से की थी।
आपको बता दें कि सरकार ने PM-Kisan के लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए 15 दिन का विशेष अभियान शुरू किया है। अगले 15 दिन तक सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे। इसके जरिए 3 लाख रुपये तक का कर्ज खेती के लिए लिया जा सकता है। ये कर्ज 4 प्रतिशत की दर से मिलता है। केसीसी बनवाने का फायदा 25 फरवरी तक उठा सकते हैं।
यदि आपने भी इस स्कीम का लाभ लेने के लिए आवेदन दिया है और अब तक बैंक अकाउंट में पैसा नहीं आया है तो उसका स्टेटस जानना बहुत आसान हो गया है. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि पीएम किसान पोर्टल जाकर कोई भी किसान भाई अपना आधार, मोबाइल और बैंक खाता नंबर दर्ज करके इसके स्टेटस की जानकारी ले सकता है।
अब किसी किसान को इस योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए अधिकारियों के पास नहीं जाना पड़ेगा. कोई भी ‘किसान पोर्टल’ पर जाकर खुद ही अपना रजिस्ट्रेशन कर सकता है. इसका मकसद सभी किसानों को स्कीम से जोड़ना और रजिस्टर्ड लोगों को समय पर लाभ पहुंचाना है. कृषि मंत्रालय की इस सुविधा के शुरू होने के बाद राज्य सरकारों को किसानों के ब्योरे में आई गलतियों को ठीक करने और वेरीफिकेशन में अब पहले से काफी कम समय लगेगा।
पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम का लाभ पाने वाले सभी किसानों को मोदी सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) भी मुहैया करवाने का फैसला किया है. यानी पीएम-किसान योजना को केसीसी से लिंक कर दिया गया है। इससे 3 लाख रुपये तक का लोन सिर्फ 4 फीसदी की दर पर मिल जाएगा।
इस समय देश में 6.67 करोड़ एक्टिव किसान क्रेडिट कार्ड हैं. पीएम-किसान सम्मान निधि के लगभग 3 करोड़ लाभार्थी हैं जिनके पास केसीसी नहीं है। चूंकि बैंकों के पास पहले से ही PM-KISAN लाभार्थियों की अधिकांश जानकारी मौजूद है इसलिए बैंकों को किसानों के लिए केसीसी जारी करने में दिक्कत नहीं आएगी।
पहले किसान क्रेडिट कार्ड लेने वाले किसानों को फसल बीमा स्कीम (PMFBY) में भी शामिल होना पड़ता था. भले ही किसान न चाहे. इसे पीएम किसान स्कीम में लिंक करने के बाद अब फसल बीमा को स्वैच्छिक बना दिया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद देश के लाखों किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है।
जब दिसंबर 2018 में इस स्कीम के तहत पैसा देना शुरू किया गया था तब यह स्कीम सिर्फ लघु एवं सीमांत किसानों के लिए ही थी। इस दायरे में केवल 12 करोड़ ही किसान आते थे। इसलिए इसका बजट 75 हजार करोड़ रुपये तय किया गया था। लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में वादा किया कि मोदी सरकार दोबारा सत्ता आई तो सभी 14.5 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा।
बीजेपी जीत गई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में वादा पूरा कर दिया। इसके साथ ही स्कीम का
फंड बढ़ाकर 87 हजार करोड़ कर दिया गया।
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