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पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था में कमोडिटी बाजार का होगा बड़ा योगदान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 19 2020 4:31PM | Updated Date: Feb 19 2020 4:32PM
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मुंबई। कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई ) ने कहा है कि वर्ष 2024-25 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में कमोडिटी बाजार की महत्ती भूमिका होगी क्योंकि सिर्फ जिंस क्षेत्र की इसमें 40 फीसदी का योगदान कर सकता है। सीपीएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र वाधवा ने ‘कमोडिटी मार्केट् - वृद्धि के शीर्ष पर’ विषय पर यहां आयोजित सम्मेलन में कहा कि पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था में कमोडिटी बाजार के योगदान पर अध्ययन कराये गये हैं जिनमें यह संकेत मिला है कि इस लक्ष्य का 40 प्रतिशत अकेले जिंस (कोमोडिटी) क्षेत्र को मिल सकता है।
 
हालांकि इसे प्राप्त करने के लिए डेरिवेटिव बाजार के साथ कमोडिटी परिस्थितिक तंत्र और देशी बाजार विकसित करने की आवश्यकता है। वाधवा ने कहा कि भारत को कमोडिटी लेनदेन कर (सीटीटी) जैसे कर प्रावधान के कारण वस्तुओं के बाजार में व्यापार की उच्च लागत पर पुनर्विचार करने की जरूरत है, जो निवेशकों के लिए भागीदारी को अस्थिर बनाता है।
 
इसमें संस्थागत निवेशकों की हाल ही में स्वीकृत श्रेणियों जैसे म्यूचुअल फंड (एमएफ) ,वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) और शेयर समूह प्रबंधन सेवाएं (पीएमएस) शामिल हैं। इस दौरान परिचर्चा में विनियामक सुधारों पर विचार-विमर्श किया। विश्लेषकों ने कहा कि सीटीटी जैसे करों के कारण ट्रेड की उच्च लागत निवेशक की भागीदारी के लिए सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है और सरकार को सीटीटी को वापस लेने का आग्रह किया गया।
 
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