नई दिल्ली। चीनी उद्योग का शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) का अनुमान है कि भारत चालू शुगर सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान 50 लाख टन तक चीनी निर्यात कर पाएगा, जबकि सरकार ने अधिकतम स्वीकृत निर्यात परिमाण (एमएईक्यू) कोटा स्कीम के तहत देश की चीनी मिलों के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस्मा ने मंलवार को बताया कि देशभर की चीनी मिलों ने चालू सीजन 2019-20 के आरंभिक साढ़े चार महीने में 169.85 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 49.81 लाख टन कम है।
पिछले साल 15 फरवरी तक देश की चीनी मिलों ने कुल 219.66 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र इस साल अब तक 43.38 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 82.98 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। हालांकि देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन पिछले साल के 63.93 लाख टन से बढ़कर 66.34 लाख टन हो गया है। कर्नाटक में चीनी का उत्पादन पिछले साल के 38.74 लाख टन से घटकर 30.80 लाख टन रह गया है।
तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन इस साल अब तक 2.60 लाख टन हुआ है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 3.85 लाख टन हुआ था। गुजरात में चीनी का उत्पादन 5.95 लाख टन हुआ है जबकि पिछले साल इस अवधि के दौरान 7.78 लाख टन हुआ था। आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में इस साल चीनी का उत्पादन 3.06 लाख टन हुआ है जबकि पिछले साल इस अवधि के दौरान 4.50 लाख टन हुआ था। बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में 15 फरवरी तक चीनी का उत्पादन क्रमश: 5.08 लाख टन, 2.41 लाख टन, 3.72 लाख टन, 3.51 लाख टन और 2.76 लाख टन हुआ है।
इस्मा ने बताया कि इस सीजन में अब तक 16 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है, जबकि करीब 32 लाख टन निर्यात का अनुबंध हुआ है। इस्मा का अनुमान है कि भारत इस साल 50 लाख टन चीनी का निर्यात कर पाएगा, जबकि सरकार ने चालू सीजन के लिए अधिकतम स्वीकृत निर्यात परिमाण कोटा स्कीम के तहत मिलों के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिस पर सरकार चीनी मिलों को 10,448 रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी देती है।