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अगर कोई आपको भी Video या फोटो वायरल करने की धमकी दे रहा है, तो जानिए क्या है उपाय

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 24 2021 5:32PM | Updated Date: Sep 24 2021 5:32PM
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नई दिल्‍ली। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत के एक दिन बाद उनका सुसाइड नोट सामने आया। पुलिस को जो सुसाइड नोट मिला इसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि पर गंभीर आरोप लगाए। नरेंद्र गिरी को डर था कि एक-दो दिन में कथित आरोपी आनंद गिरि कंप्यूटर के माध्यम से या मोबाइल के जरिए किसी लड़की या महिला के साथ गलत काम करते हुए उनका फोटो लगाकर वायरल कर देगा। 72 वर्षीय महंत महेंद्र गिरि सोमवार शाम उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के बाघंबरी मठ में अपने कमरे के अंदर मृत पाए गए। पुलिस मौत को प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला मान रही है। कहा जा रहा है तस्वीर वायरल होने और बदनाम होने के डर से ही महंत नरेंद्र गिरी ने आत्महत्या कर ली। तकनीक के बढ़ते चलन और सोशल मीडिया का प्रभाव बढ़ने से वीडियो या फोटो वायरल करने की ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं। इस तरह के प्रकरण के कारण लोग बहुत डर जाते हैं और ब्लैकमेलर की बात मानकर उसकी अनुचित मांगों को पूरा करते हैं। तो कई बार लड़कियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने लोक-लाज के डर से आत्महत्या कर ली। हमने सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता कमलेश जैन से यह जानने की कोशिश यदि किसी के साथ ऐसा होता है तो उसे क्या करना चाहिए और ऐसे मामलों में पीड़ित के पास किस तरह के कानूनी प्रावधान हैं जो उसे इस मुश्किल से निकाल सकते हैं। जानिए उनकी राय....  
 
जवाब-ऐसी कोई भी बात किसी भी व्यक्ति में भय पैदा कर सकती है और इस हालात में इंसान कोई भी कदम उठा सकता है। लेकिन जो लोग कानून जानते हैं उनके लिए यह बात डरने वाली नहीं है। बल्कि जो धमका रहे हैं या डरा रहे हैं उनके लिए यह खतरनाक है। जो लोग दूसरों को धमकाने के लिए इस तरह के वीडियो या तस्वीरों की सहायता लेते हैं वे सतर्क हो जाएं।

सवाल-इस बात को आसानी से कैसे समझें 
 
जवाब- नए कानून के अनुसार भारतीय दंड संहिता की धारा 354 सी के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति व्वायरिज्म ( किसी के गुप्त यौन कृत्यों को देख कर आनंदित होना) में लिप्त होता है साथ ही उसे रिकॉर्ड कर वायरल करने की धमकी देता है तो यह एक अपराध है। यदि कोई केवल नकली वीडियो के नाम पर धमका रहा है या वास्तव में भी आपका वीडियो या कोई आपत्तिजनक तस्वीर किसी के पास है तब भी किसी को यह अधिकार नहीं की वह आपकी मान-प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश करे। इसलिए ऐसे मामलों में घबराने की नहीं बल्कि सोच-समझ कर जरूरी कदम उठाने की है।
 
सवाल-नया कानून कब बना है? 
 
जवाब- 2012 में निर्भया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए आपराधिक कानून में एक जरूरी हस्तक्षेप करके उसके पुराने कलेवर को हटाकर आधुनिक आपराधिक कलेवर में बदला गया।

सवाल-यदि कोई इस तरह धमकाए तो क्या करना चाहिए?
 
जवाब- पीड़ित व्यक्ति डरे नहीं, तुरंत पुलिस में इस बात की रिपोर्ट करे और पुलिस से तुरंत कठोर कार्रवाई की मांग करे। हां ऐसे मामलों में देरी करना ठीक नहीं, क्योंकि इससे आरोपी के हौसले बुलंद रहते हैं। साइबर कानून के तहत भी यह मामला दर्ज कराया जा सकता है।
 
सवाल- जो पुलिस के पास जाने से डरते हैं कि कहीं गड़बड़ न हो जाए वे क्या करें?
 
जवाब- इस समस्या से छुटकारा पाने का कानूनी उपाय तो यही है कि पीड़ित पुलिस के पास जाए। हां, पीड़ित चाहे तो अपनी पहचान गुप्त रखने की गुजारिश कर सकता है। पीड़ित को गुप्त जांच करनी चाहिए और वह करेगी।
 
सवाल-आरोपी के खिलाफ क्या सबूत इकट्ठा करना जरूरी है?
 
जवाब- आरोपी के कॉल या मैसेज उसके खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। यदि आप पहली बार में धमकी भरे कॉल को रिकॉर्ड नहीं कर पाए तो अगली बार ऐसा जरूर करें। अगर फेसबुक पोस्ट पर या चैट बाक्स में कोई धमकीभरा कमेंट लिखा हो, या मोबाइल पर कोई मैसेज मिला हो और उसे डिलीट कर दिया गया हो तो भी साइबर एक्सपर्ट उसे रिकवर कर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं।
 
सवाल-इस अपराध में कितने साल की सजा है?
 
जवाब- इस तरह के अपराध में लिप्त होने वालों को सात साल तक की सजा हो सकती है।
 
सवाल-क्या नया कानून केवल महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करता है?
 
जवाब-नहीं यह कानून जितना महिलाओं के लिए है उतना ही पुरुषों के लिए भी।

 

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