नई दिल्ली। पीएम केयर्स फंड ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि ट्रस्ट का फंड, भारत सरकार का फंड नहीं है और इसकी राशि देश के खजाने में नहीं जाती है। बता दें कि, कानूनी तौर पर पीएम केयर्स फंड (आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष) एक चैरिटेबल ट्रस्ट है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट में दिए गए एक जवाब में पीएमओ में अंडर सेक्रेटरी प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि ट्रस्ट चाहे कोई राज्य हो या सार्वजनिक प्राधिकार, आरटीआई एक्ट के तहत किसी तीसरे पक्ष की जानकारी का खुलासा करने की अनुमति नहीं है।
यह जवाब संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत पीएम केयर्स फंड को 'राज्य' घोषित करने की मांग करने वाली एक याचिका के जवाब में प्रस्तुत किया गया था।
याचिका में कहा गया है कि देश के नागरिक इस बात से व्यथित हैं कि प्रधानमंत्री द्वारा स्थापित एक कोष और प्रधानमंत्री, गृह, रक्षा और वित्त मंत्रियों जैसे ट्रस्टियों वाले ट्रस्ट को एक ऐसा कोष घोषित किया गया है, जिस पर कोई सरकारी नियंत्रण नहीं है।
सम्यक गंगवाल द्वारा दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया है कि मार्च, 2020 में प्रधानमंत्री द्वारा गठित पीएम केयर्स फंड द्वारा दिसंबर 2020 में अपनी वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार इस फंड को न तो संविधान और न ही संसद के किसी कानून के तहत बनाया गया है।