नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार का समर्थन कर रहे पाकिस्तान की मंशा को एक बार फिर से बड़ा झटका लगा है। क्योंकि पाकिस्तान ने आगामी दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (SAARC) के विदेश मंत्रियों की बैठक में तालिबान के एक प्रतिनिधि को शामिल करने की मांग कर रहा था। लेकिन सार्क संगठन के अधिकांश सदस्य देशें ने ऐसे करने से इनकार कर दिया। साथ ही बैठक को रद्द भी कर दिया गया। बता दें कि चीन और पाकिस्तान लगातार अफगानिस्तान में तालिबान सरकार का समर्थन करते रहे हैं।
बता दें कि सार्क विदेश मंत्रियों की वार्षिक बैठक का आयोजन 25 सितंबर को होना था, जिसे रद्द अब कर दिया गया है। इसके साथ ही अधिकांश सदस्य देशों ने तालिबान शासन को बैठक में अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देने के पाकिस्तान के अनुरोध पर विचार करने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि बीते साल कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बैठक का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया था।
बता दें कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) मंत्रिपरिषद की अनौपचारिक बैठक 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में व्यक्तिगत रूप से होनी थी। हालांकि नेपाली विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि 'सभी सदस्य राज्यों से सहमति की कमी' के कारण बैठक रद्द कर दी गई है। जानकारी के मुताबिक, जहां पाकिस्तान ने तालिबान शासन को समर्थन देते हुए अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देने के अनुरोध पर विचार करने की बात कही थी। वहीं पाकिस्तान ने इस बात पर भी जोर दिया कि अशरफ गनी के नेतृत्व वाली अफगान सरकार के किसी भी प्रतिनिधि को सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक में किसी भी कीमत पर अनुमति नहीं दी जाएगी।