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पंजाब में फंसा पेच? अंबिका सोनी ने किया CM बनने से इनकार, कांग्रेस विधायक दल की बैठक रद्द

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 19 2021 11:16AM | Updated Date: Sep 19 2021 11:21AM
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चंडीगढ़। आखिरकार कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद राज्य में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शनिवार को एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से आग्रह किया गया कि वे विधायक दल के अगले नेता के बारे फैसला करें। इस बीच वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी के सीएम बनाए जाने की भी चर्चा थी लेकिन उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। रविवार को फिर कांग्रेस विधायक दल की बैठक होने की बात की जा रही थी  जिसे अब रद्द कर दिया गया है। 
 
कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने कहा कि यह सब कांग्रेस आलाकमान पर निर्भर है।  यह आलाकमान का विशेषाधिकार है।  सीएलपी की बैठक कल हुई थी और इसे जनादेश दिया गया है।  सीएलपी की एक और बैठक की जरूरत नहीं। पंजाब में कांग्रेस विधायक दल ने राज्य के नए मुख्यमंत्री को चुनने का फैसला भले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया है लेकिन पार्टी के चार वरिष्ठ नेताओं- सुनील जाखड़, नवजोत सिंह सिद्धू, सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रताप सिंह बाजवा का नाम इस पद के लिए संभावित प्रत्याशी के रूप में चर्चा में हैं।
 
सुनील जाखड़
पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख सुनील जाखड़ का नाम संभावित सीएम के रूप में चल रहा है। यदि जाखड़ मुख्यमंत्री बनते हैं तो 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के बाद यह पहली बार होगा राज्य में कोई हिंदू मुख्यमंत्री बनेगा। बता दें कि हरियाणा के सुचारू निर्माण के लिए राष्ट्रपति शासन लागू होने से पहले 1964 से 1966 तक दो साल के कार्यकाल के लिए राम किशन आखिरी हिंदू मुख्यमंत्री थे। सुनील जाखड़ अबोहर के जाने-माने जमींदार और कृषक हैं और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ के बेटे हैं। 67 वर्षीय कांग्रेस नेता अबोहर निर्वाचन क्षेत्र (2002-2017) से 3 बार विधायक रहे हैं और उन्होंने गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी किया है।
 
प्रताप सिंह बाजवा
गुरदासपुर जिले के 64 वर्षीय प्रताप सिंह बाजवा भी सीएम की दौड़ में हैं। वह भी प्रदेश के सबसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं में से हैं और इस समय पंजाब से राज्यसभा सांसद हैं। प्रताप सिंह बाजवा के पिता सतनाम सिंह बाजवा भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और मंत्री रह चुके थे। प्रताप के छोटे भाई, फतेह जंग सिंह बाजवा भी कांग्रेस विधायक हैं, वहीं उनकी पत्नी चरणजीत कौर बाजवा भी पिछली विधानसभा में विधायक रही हैं।
 
सुखजिंदर सिंह रंधावा
कैप्टन अमरिंदर सिंह की निवर्तमान कैबिनेट में जेल और सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा (62) पंजाब के जंगली पश्चिम माने जाने वाले माझा क्षेत्र के गुरदासपुर जिले के रहने वाले रंधावा तीन बार के कांग्रेस विधायक हैं। वे 2002, 2007 और 2017 में विधायक बने। वह राज्य कांग्रेस के उपाध्यक्ष और महासचिव रह चुके हैं। उनका परिवार भी कांग्रेस से जुड़ा रहा है। उनके पिता, संतोख सिंह, दो बार राज्य कांग्रेस अध्यक्ष थे और माझा क्षेत्र में एक बहुत प्रसिद्ध व्यक्ति थे।
 
नवजोत सिंह सिद्धू
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वर्तमान अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में एक पूर्व मंत्री हैं। सिद्धू सरकार में आने के साथ ही लगातार अमरिंदर सिंह पर हमला बोलते रहे हैं। अमरिंदर के कड़े विरोध के बीच सिद्धू प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद पाने में सफल रहे और अब वह कैप्टन को मुख्यमंत्री पद से हटाने में कामयाब रहे हैं। अमृतसर लोकसभा क्षेत्र से 3 बार के सांसद और भाजपा के सदस्य के रूप में राज्यसभा के लिए मनोनीत सांसद, 58 वर्षीय मुख्यमंत्री पद के चेहरों में सबसे कम उम्र के हैं।
 
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