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काशी निकला काशिफ, उमर गौतम बने 'मौलाना'...जानें कैसे हुआ धर्मांतरण रैकेट का खुलासा?

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 21 2021 7:58PM | Updated Date: Jun 21 2021 8:00PM
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नई दिल्‍ली। यूपी के नोएडा में धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का खुलासा होने के बाद से हर कोई सकते में है। फिलहाल यूपी एटीएस ने पूरे मामले में 2 मौलानाओं को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल बीते 2 साल से चल रहे धर्मांतरण के इस रैकेट में मूक-बधिर बच्चों और महिलाओं का धर्म परिवर्तन करा दिया जाता था। अब तक यह रैकेट 1000 लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुका है। पकड़े गए दोनों आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी दिल्ली के जामिया नगर इलाके के रहने वाले हैं।
 
उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार खुद कह चुके हैं कि बीते एक साल के भीतर 350 लोगों का धर्मांतरण कराया जा चुका है। धर्मांतरण के लिए लोगों को धमकाया और डराया भी गया है। पूछताछ में सामने आया लगभग 1000 लोगों की लिस्ट है जिनको प्रलोभन और पैसे देकर धर्मांतरण किया गया। एडीजी ने कहा कि इन्हें विदेशों से फंडिंग मिलती थी। देश के सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया जा रहा है।
 
पहले नाम बताया काशी गुप्ता, पूछताछ में निकला काशिफ
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2 जून को गाजियाबाद में डासना के स्वामी यति नरसिंहानंद के आश्रम से शाम 8 बजे 2 संदिग्धों को पकड़ा गया था। दोनों संदिग्ध आश्रम में घुस गए थे। जब पूछताछ हुई तो एक ने अपना नाम विपुल विजयवर्गीय बताया और दूसरे ने अपना नाम काशी गुप्ता बताया। जब पुलिस ने काशी गुप्ता से सख्ती से पूछताछ की तो पता चला उसका असली नाम काशिफ है।
 
1 हजार लोगों का धर्मांतरण कराया गया
पुलिस के मुताबिक जांच में एक शख्स गौतम का नाम सामने आया है, वह बाटला हाउस, जामिया नगर का रहने वाला है। इसने खुद भी अपना धर्म परिवर्तन किया है। पूछताछ और गहराई से जांच के बाद इनके साथी जहांगीर आलम की गिरफ्तारी की गई। जिससे पता चला कि उन्होंने तकरीबन 1,000 लोगों का प्रलोभन देकर या डरा-धमका कर धर्म परिवर्तन कराया है।

 

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