पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस (Punjab Congress) में जारी अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच में चल रही सियासी लड़ाई अब और भी बढ़ती हुई नजर आ रही है. इस बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने हाल ही में मीडिया के सामने अपनी बात रखी है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के अंदर चल रही कलह की पूरी पोल खोल कर रख दी है. एक चैनल को दिए इंटरव्यू में सिद्धू ने अमरिंदर सिंह पर सीधा निशाना साधा और कहा कि 'कैप्टन अमरिंदर सिंह हर दिन झूठ बोलते हैं'.
सिद्धू ने कहा, 'मेरे राजनीतिक जीवन का मकसद एक व्यवस्था का पालन करना और उसे बदलना है. पंजाब को दो ऐसे शक्तिशाली परिवारों का एक सिस्टम चला रहा है, जो केवल अपने हितों को साधने के लिए विधायिका को बदनाम कर राज्य के हितों को खत्म कर रहे हैं. उन्होंने सब कुछ अपने कंट्रोल में ले लिया है और एक-दूसरे का बचाव कर रहे हैं. इन दोनों ने राज्य को लूटा है. वे अपने वादों के खिलाफ गए हैं. मेरी लड़ाई इसी सिस्टम के खिलाफ है.”
उन्होंने कहा, “जब प्रशांत किशोर 60 बार मेरे पास आए थे, तब मैंने कांग्रेस पार्टी जॉइन की थी. मैंने उन्हें कह दिया था कि मेरा झुकाव पंजाब की तरफ है. मैंने 56 विधानसभा सीटों पर प्रचार किया और उनमें से 54 में सीटें जीतीं. मैंने मुख्यमंत्री को ज्यादा राजस्व के लिए शराब नीति को बदलने और उन पैसों से नौकरी देने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने कहा- ‘नहीं’. दोनों शक्तिशाली परिवारों का ये सिस्टम कर्ज लौटाने के लिए कर्ज ले रहा है और सरकारी खजाने को लूटा जा रहा है.”
सिद्धू ने कहा, “मैं खनन नीति को सिस्टम में ले गया, ये कहते हुए कि ये राज्य का खजाना है. तेलंगाना सरकार सालाना एक नदी से 2,500 रुपये करोड़ कमाती है. लेकिन पंजाब में तीन-तीन नदियां हैं और पिछली अकाली-भाजपा सरकार 10 सालों में रेत की नीलामी से केवल 40 करोड़ रुपये ही जमा कर पाई. आखिर ये पैसा कहां जा रहा है? मैंने कांग्रेस सरकार से कहा, ‘आप रेत का रेट फिक्स करें और सरकारी रेट पर बेच दें, लेकिन उन्होंने कहा, ‘नहीं’. मैंने हजारों एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा का मुद्दा उठाया था, लेकिन उन्होंने कहा ‘नहीं’. मैंने कहा कि ड्रग्स के मुद्दे पर कार्रवाई करो तो उन्होंने कहा कि अभी रिपोर्ट नहीं पढ़ी.
अमरिंदर सिंह की सरकार पर हमला बोलते हुए सिद्धू ने कहा, “उन्होंने मुझे रिन्यूएबल एनर्जी ऐंड पावर मिनिस्टर (अक्षय ऊर्जा और बिजली मंत्री) बनाया, तब मैंने भी कहा- ‘नहीं’ और मैंने उस सिस्टम को खारिज किया पंजाब के लोगों के कल्याण के लिए मेरे प्रस्तावों की अनदेखी की. वे लोगों को गुमराह करते हैं. वे यह नहीं बताना चाहते कि कर्जमाफी पर उन्होंने क्या किया. बिजली खरीद समझौतों पर श्वेत पत्र क्यों नहीं? सस्ती बिजली का क्या? उन्हें विधानसभा चुनावों से पहले फिर सिद्धू की याद आ गई. मुझे मुख्यमंत्री आवास बुलाया और कहा कि ये मंत्रालय रख लीजिए. क्या बदल गया? मैंने कभी कोई पद नहीं मांगा.”