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राम मंदिर के चंदे में हुई लूट की अपनी निगरानी में जांच करवाए सुप्रीम कोर्ट: कांग्रेस

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 20 2021 9:11PM | Updated Date: Jun 20 2021 9:11PM
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नेशनल डेस्क: कांग्रेस ने अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा भूमि खरीद में घोटाले का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उच्चतम न्यायालय से सच का पता लगाने के लिये अदालत की निगरानी में जांच का आदेश देकर 'जिम्मेदारी' निभाने का आग्रह किया। 

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि अयोध्या में भाजपा नेताओं के हाथों भगवान राम के नाम पर चंदा इकट्ठा कर 'लूट' की जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री और उच्चतम न्यायालय की 'चुप्पी' पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा के एक नेता ने फरवरी में अयोध्या में 890 मीटर जमीन 20 लाख रुपये में खरीदी और फिर उसे 2.5 करोड़ रुपये की भारी-भरकम धनराशि में मंदिर ट्रस्ट को बेचकर केवल 79 दिन में 1250 प्रतिशत का मुनाफा कमाया।

सुरजेवाला ने कहा, 'भगवान राम के मंदिर का निर्माण उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार किया जा रहा है। क्या यह ट्रस्ट बनाने वाले उच्चतम न्यायालय, उसके न्यायाधीशों और प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी नहीं है कि वे सच का पता लगाएं और इसकी जांच कराएं।' पत्रकारों ने सुरजेवाला से पूछा कि क्या पार्टी इस कदम के खिलाफ अदालत जाएगी तो उन्होंने कहा, 'क्या उच्च न्यायालय को इस मामले पर स्वत: संज्ञान नहीं लेना चाहिये? उच्चतम न्यायालय को अपना कर्तव्य निभाते हुए अपनी निगरानी में, पूरे लेनदेन का ऑडिट कराना चाहिये और दोषियों को सजा देनी चाहिये।'

उन्होंने कहा, 'अब सवाल यह है कि क्या उच्चतम न्यायालय और प्रधानमंत्री अपने कर्तव्य निभाएंगे? हम इसे उनके विवेक पर छोड़ते हैं। ' सुरजेवाला ने कहा कि अगर किसी की जिम्मेदारी बनती है तो वह हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ,जिन्होंने यह ट्रस्ट बनाया है। उन्होंने कहा, 'यह न केवल नैतिकता नहीं बल्कि संवैधानिकता का भी सवाल है।' 

कांग्रेस नेता ने कहा कि गेंद प्रधानमंत्री के पाले में है। देखते हैं कि वह क्या निर्णय लेते हैं। उन्होंने कहा कि जनता भगवान राम के नाम पर चंदा लूटने वालों को माफ नहीं करेगी। इससे पहले, कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि इस साल 18 मार्च को पंजीकृत भूमि दस्तावेजों के अनुसार 2 करोड़ रुपये में खरीदी गई जमीन ट्रस्ट को 'मिनटों के भीतर' 18.5 करोड़ रुपये में बेच दी गई। पार्टी ने उच्चतम न्यायालय की निगरानी में 'घोटाले' की जांच की मांग की थी।

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