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कोविड की दूसरी लहर के बावजूद मेट्रो ने की कईं उपलब्धियां हासिल

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 20 2021 4:34PM | Updated Date: Jun 20 2021 6:11PM
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नई दिल्ल्ली।  दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने कुछ महीनों में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते सामने आईं अनेक बाधाओं के बावजूद अपने  चौथे चरण  कॉरिडोर का निर्माण कार्य जारी रखा है और कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां भी हासिल की हैं। अप्रैल 2021 में लॉकडाउन लगने से पहले डीएमआरसी की साइटों पर मजदूरों की संख्या 4000 से अधिक थी। तथापि लॉकडाउन के बाद अनेक मजदूर इन साइटों से अपने मूल निवास स्थलों को चले गए। इसके अतिरिक्त अनेक मजदूर जो पहले होली के त्यौहार के लिए चले गए थे वे भी वापस नहीं लौटे। इससे कार्यस्थलों पर मजदूरों की संख्या धीरे-धीरे घटकर लगभग 2500 रह गई। डीएमआरसी ने रुके रह गए अपने मजदूरों की न केवल डाक्टरी और आवास इत्यादि संबंधी देखभाल की बल्कि अपने  चौथे चरण के निर्माण कार्य में कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां भी हासिल कीं। इस अवधि के दौरान सरकार द्वारा समय-समय पर जारी कोविड संबंधी सभी दिशानिर्देशों का भी सख्ती से पालन किया गया है। कोविड संबंधी प्रतिबंध समाप्त होने के बाद डीएमआरसी की साइटों पर उपलब्ध श्रमशक्ति में अब क्रमिक बढ़ोतरी हुई है।  

 
जनकपुरी पश्चिम झ्र आर के आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर जनकपुरी पश्चिम और कृष्णा पार्क एक्सटेंशन  के बीच सुरंगों के कार्य के लिए डीएमआरसी ने चौथे चरण के पहले भूमिगत सेक्शन में इस अवधि के दौरान कई महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल किए हैं। इन महीनों में डीएमआरसी ने 2.8 किलोमीटर लंबी दोहरी सुरंगों में से एक सुरंग में 500 मीटर की टनलिंग का कार्य पूरा कर लिया है। दिल्ली मेट्रो ने कांिस्टग यार्ड में टनल के 50 प्रतिशत  से अधिक सेगमेंट का कार्य भी पूरा कर लिया है। इस खंड पर पहली दोहरी सुरंगों के इस वर्ष सितंबर से पहले तक पूरा होने की उम्मीद है। इसी खंड पर डीएमआरसी ने पिछले महीने मुकरबा चौक पर इसी चरण के सबसे पहले टी-गर्डर का निर्माण करके एक अन्य बड़ी उपलब्धि हासिल की है। ये टी-गर्डर प्री-टेंशन्ड हैं और इनकी कांिस्टग मुंडका स्थित कांिस्टग यार्ड में की जाती है। कांिस्टग के बाद इन गर्डरों को साइट पर लाया जाता है और 400 मी.टन क्षमता वाली दो विशालकाय क्रेनों की मदद से इन्हें लांच किया जाता है। इनमें प्रत्येक गर्डर की लंबाई 37 मीटर है तथा भार लगभग 90 मी.टन है। जिन खंबों पर पहला गर्डर रखा गया है उनकी ऊंचाई भूमितल से लगभग 18 मीटर है। इसके अतिरिक्त लांचर की लोड टैंिस्टग मजलिस पार्क में की गई है और लांचर के साथ यू-गर्डर की लांचिग मजलिस पार्क से मुकरबा चौक के इसी खंड पर शुरु की जाएगी। 
 
मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर पर भी श्रमशक्ति की कमी के बावजूद कार्य में निरंतर प्रगति हुई है। यू-गर्डरों, टी-गर्डरों की कास्टिंग, यू-गर्डर का इरेक्शन, स्टेशनों व वायाडक्ट स्थलों पर पीयर कैप्स बनाने का कार्य भी जारी रहा है। इसी कॉरिडोर के अंतर्गत यमुना नदी पर सिगनेचर ब्रिज के समीप दिल्ली मेट्रो के पांचवे पुल का निर्माण भी किया जा रहा है। यह कॉरिडोर महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके पूरा होने से पिंक लाइन पर कनेक्टिविटी का संपूर्ण रिंग पूरा हो जाएगा।   तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर पर पंचशील पार्क स्थित कांिस्टग यार्ड पर बड़ी-बड़ी क्रेनें खड़ी करने के साथ साथ समस्त आवश्यक उपकरण इंस्टाल कर लिए गए हैं। यू-गर्डरों और खंबों की कास्टिंग का कार्य भी  जारी है।   अप्रैल और मई 2021 में डीएमआरसी के चौथे चरण के भूमिगत सेक्शनों के लिए चार प्रमुख सिविल टेंडर भी जारी किए गए थे। यह चारों सेक्शन जाइका  के माध्यम से प्राप्त ऋण से वित्तपोषित होंगे। तीन टेंडर एयरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर के हैं जबकि एक टेंडर जनकपुरी पश्चिम झ्र आर के आश्रम मार्ग कॉरिडोर से संबद्ध है। सभी टेंडर प्रोसेंिसग के विभिन्न चरणों में है। 
 
देश में कोविड-19 के मामलों में हुए सुधार के चलते आने वाले दिनों में निर्माण कार्य में और तेजी संभव हो सकेगी। साइटों पर मजदूरों के लिए टीकाकरण कैंप लगाए  गए हैं तथा और कैंप लगाए जाने की संभावना है। मजदूरों के बीच टीकाकरण से होने वाले लाभ के बारे में जागरुकता उत्पन्न करने के लिए एक अभियान भी चलाया जा चुका है। हालिया दिनों में डीएमआरसी अपने  चौथे चरण के विस्तार के एक भाग के रूप में प्राथमिकता वाले तीन कॉरिडोरों पर 65 कि.मी. नई लाइनों के निर्माण में लगी है। इन कॉरिडोरों के वर्ष 2025 तक पूरा होने की संभावना है। हालांकि कोविड के हालात को देखते हुए कार्य पूरा किए जाने के लिए लक्ष्यों की तदनुसार समीक्षा की जाएगी।      
 
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