अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन पर विवाद बढ़ता जा रहा है. जमीन सौदे को लेकर एक नया विवाद सामने आया है. आरोप है कि अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण ने महंगे दामों पर जमीन राम मंदिर ट्रस्ट को बेच दी. इस पर दीप के चाचा की प्रतिक्रिया सामने आई है. दीप के चाचा पवन उपाध्याय का कहना है कि इस मामले में उन्हें फंसाया जा रहा है.
दरअसल, दीप नारायण ने राम मंदिर ट्रस्ट को दो जमीन बेची थी. एक जमीन उसने 20 लाख में खरीदी थी जो उसने ट्रस्ट को 2.5 करोड़ में बेची और दूसरी जमीन उसने 1 करोड़ में बेची थी, जिसकी कीमत सर्किल रेट के हिसाब से 27 लाख रुपए निकलती है. इसके बाद अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.
अब इस मामले में दीप नारायण के चाचा पवन उपाध्याय ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने आजतक से बात करते हुए कहा, "ये जमीन दीप की दादी सावित्री के नाम पर लिखी गई थी. लेकिन स्टांप का खर्चा बचाने के लिए उन्होंने इसे दान की तरह दिखाया."
उन्होंने कहा कि "हमें राजनीतिक भावना के चलते फंसाया जा रहा है और ये जमीन सही दाम पर खरीदी और बेची गई है." उनका दावा है कि जो जमीन ट्रस्ट को बेची गई, वो उनकी पुश्तैनी जमीन थी. हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि एक करोड़ में जमीन क्यों बेची गई, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
क्या है पूरा मामला?
मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय ने 20 फरवरी 2021 को अयोध्या के महंत देवेंद्र प्रसाद आचार्य से 135 से 890 वर्ग मीटर की जमीन 20 लाख रुपए में खरीदी थी. 3 महीने बाद 11 मई 2021 को दीप नारायण ने इसी जमीन को राम मंदिर ट्रस्ट को 2.5 करोड़ रुपए में बेच दिया.
इतना ही नहीं, दीप ने 676.86 वर्ग मीटर की एक और जमीन 1 करोड़ में ट्रस्ट को बेच दी, जिसकी कीमत 27.08 लाख रुपए थी. इस जमीन की कीमत 4,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, लेकिन उसे ट्रस्ट को 14,774 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से बेच दिया गया.